____________हजारीबाग। झारखंड राज्य में अल्पसंख्यक आयोग वीरान है, उर्दू अकादमी का गठन नहीं हुआ है, वक्फ बोर्ड का गठन भी नहीं कर पाई है झारखंड सरकार उक्त बातें झारखंड कुरैश समाज के युवा प्रदेश अध्यक्ष बाबर कुरैशी ने अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति हेमंत सोरेन की गहरी उदासीनता को लेकर कही। झारखंड सरकार के द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के साथ भेदभाव की नीति अपनाई जाने को लेकर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं कांग्रेस नेतृत्व को एक भी पशमांदा मुसलमान चेहरा नहीं मिला जिन्हे यह जिम्मेदारी दी जा सकती हो। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा दी गई अल्पसंख्यक विकास की राशी का उपयोग भी झारखंड सरकार के द्वारा नहीं की गई।
जिसके कारण अकलियतों की स्थिति झारखंड में काफी दयनीय अवस्था में पहुंच गई है आज झारखंड में अल्पसंख्यक समुदाय के पिछड़ेपन के पीछे सिर्फ और सिर्फ झारखंड सरकार जिम्मेवार है। आज अल्पसंख्यक समुदाय हताश और नाउम्मीद होकर बैठे हैं। तथाकथित सेकुलर दल, मुसलमानो को वोट बैंक समझने वाले और मुसलमानो का वोट लेने वाले यह लोग मुसलमानो के हित के बारे में सोचते तक नहीं। मौजूदा कार्यकाल में जहां एक ओर अल्पसंख्यक समुदाय अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है वहीं भ्रष्टाचार में संलिप्त हेमंत सोरेन की सरकार अपने आप को अल्पसंख्यकों का हितैषी बताने में पीछे नहीं हटते।
हेमंत सोरेन की सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं अक्सर सुनने को मिल जाती है अल्पसंख्यकों के विकास के बारे में सोचना तो दूर कभी सदन पटल पर अल्पसंख्यकों के हित की बात को भी हेमंत सोरेन ने नहीं रखा। सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती है हेमंत सोरेन की सरकार। इसलिए आगामी 2024 चुनाव में मौजूदा झारखण्ड सरकार को सबक सिखाने के लिएझारखण्ड के मुसलमान पुरी एकजुटता के साथ तैयार हैं।