विशेष संवाददाता द्वारा
गुमला. यूपी के बुलडोजर मॉडल की झलक झारखंड में भी देखने को मिल रही है. मामला गुमला से जुड़ा है जहां जिले में अवैध रूप से संचालित ईंट भट्ठों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए उनको तोड़ने का कार्य आरंभ कर दिया गया. गुमला में बिना कोई कागजात के अवैध रूप से 64 ईंट भट्ठा चलाए जा रहे हैं. गुमला के उपायुक्त सुशांत गौरव के निर्देश पर गठित टीम के द्वारा सबसे पहले करौंदी में संचालित अवैध ईट भट्ठों पर गाज गिराया गया. जेसीबी के माध्यम से ईंट भट्ठा को तोड़ने का कार्य आरंभ हुआ.
जिले में कुल 64 अवैध ईंट भट्टा संचालित हैं जिनके पास पर्यावरण प्रदूषण का सर्टिफिकेट तक नहीं है. पहले वैसे ही ईंट भट्ठों को ध्वस्त किया जा रहा है. हालांकि गुमला जिला का अधिकांश क्षेत्र वन्य प्राणी आश्रणी में आता है जहां किसी तरह का अवैध उत्खन्न, क्रशर व ईट भट्ठों के संचालन पर प्रतिबंध है लेकिन वर्षों से ईट भट्ठा व क्रशर संचालक सेटिंग गेटिंग कर जिले में इसे संचालित कर मालामाल होते रहे हैं और कई अधिकारी भी अवैध ईट भट्ठों व क्रशर के संचालन से अपनी जेब गरम करते रहे हैं.
पहली बार उपायुक्त सुशांत गौरव ने इस दिशा में साकारात्म कदम उठाया है और अवैध ईट भट्ठों को तोड़ने का आदेश दिया है. बुधवार को एसडीओ रवि आनंद, जिला खनन पदाधिकारी रामनाथ राय, थाना प्रभारी विनोद कुमार व श्रम अधीक्षक एतवारी महतो की देखरेख में अवैध ईट भट्ठों को तोड़ने का कार्य आरंभ हुआ. एसडीओ रवि आनंद ने बताया कि जिले में लगभग 64 ईंट भट्ठे हैं जो अवैध रूप से संचालित हैं और उनके पास पेपर तक नहीं हैं.
गुमला उपायुक्त के निर्देशानुसार आज से अनलिगल चलने वाले ऐसी सभी ईट भट्ठों को तोड़ने का कार्य आरंभ हो गया है. उन्होंने कहा कि ईट भट्ठों के बाद जिले में अवैध रूप से संचालित सभी क्रशरों को भी तोड़ा जाएगा.