धनबाद में सीबीएसइ की 10वीं और 12वीं में लड़कियों ने मारी बाजी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) द्वारा मंगलवार को कक्षा 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित किये गये. इसमें धनबाद के छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन किया. इस वर्ष का रिजल्ट कई मायनों में उल्लेखनीय रहा, खासकर छात्राओं के वर्चस्व और उच्च अंकों की भरमार को लेकर हैइस बार 12वीं के साइंस को छोड़ वाणिज्य और कला में लड़कियों ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की. साइंस संकाय में अपर्णा पब्लिक स्कूल के प्रखर रंजन सिंह ने 97.6 प्रतिशत अंक लाकर जिला में टॉप किया. वाणिज्य संकाय में राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर की चारू अग्रवाल ने 97.8 प्रतिशत और कला संकाय में दिल्ली पब्लिक स्कूल की कनक तिवारी ने 98.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिला टॉपर का खिताब अपने नाम किया. विज्ञान में द्वितीय स्थान डीएवी कोयलानगर के सौम्य राज (97.2), और तृतीय स्थान मोंटफोर्ट अकादमी की श्रेया दास (96.8) को मिला. वाणिज्य में समृद्धि गुप्ता (97.4) और झील कुमारी हलवाई (96.8) ने क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया. कला संकाय में हंशिका कांत (96.2), अर्पिता घटक और प्राची उपाध्याय (95.8) ने शीर्ष स्थानों में जगह बनायी..*दसवीं में डीएवी कोयला नगर के कृष्ण कुमार चमके*कक्षा 10वीं में डीएवी कोयला नगर के कृष्ण कुमार ने 99 प्रतिशत अंक लाकर जिले के साथ-साथ राज्य के टॉप फाइव में भी जगह बनायी. उन्होंने आईटी में 100, गणित, विज्ञान व संस्कृत में 99 और अंग्रेजी में 98 अंक प्राप्त किये. दिल्ली पब्लिक स्कूल की रोशमी कुमारी (98.4%) और कौशिक राय (98.2%) ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया. दसवीं के टॉप-10 में 26 छात्रों ने जगह बनायी. इनमें 13 लड़कियां और 13 लड़के शामिल हैं. वहीं 12वीं के टॉप 5 में 24 छात्र-छात्राएं रहे, जिनमें 20 लड़कियां रहीं. केवल चार लड़के ही शीर्ष रैंक तक पहुंच पाये.*उल्लेखनीय संख्याओं में 90 प्रतिशत से ऊपर अंक*परीक्षा में दसवीं में 11,371 और 12वीं में 7,721 छात्र शामिल हुए थे. 10वीं में 500 और 12वीं में 300 से अधिक छात्र-छात्राओं ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किया है*विद्यालयों में खुशी की लहर*डीएवी पब्लिक स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर और धनबाद पब्लिक स्कूल के छात्रों ने इस वर्ष भी परंपरा को कायम रखा. प्राचार्य एवं शिक्षकों ने छात्रों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है. इस साल का परिणाम न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रतीक बना, बल्कि यह भी दिखा गया कि लड़कियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और नेतृत्व कर रही हैं

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