आदिवासी एक्सप्रेस
साजन मिश्रा
गोड्डा जिला के बसंतराय प्रखंड अंतर्गत बिहार-झारखंड के कई जिलों को जोड़ने वाली पथ,सनौर मुख्य मार्ग में सनौर गांव के समीप वर्षों पहले बने उच्चस्तरीय पुल का पांचवा पिलर नदी के कटाव से हवा में झूलने को तैयार हो चुका है। आपको बता दें कि महज आठ वर्ष पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से इस पुल का निर्माण कराया गया है जिसके बाद से लेकर आज तक ना तो विभाग ने इसकी सुध ली ना ही जिला के आलाधिकारी ने इस पर कोई ध्यान दिया,नतीजतन आज जहां ये पुल नदी के कटाव का शिकार हो कर दुर्घटना को आमंत्रण दे रही है वहीं पुल का ऊपरी भाग भी कई जगह गड्ढों में तब्दील हो गया है जबकि पुल का एप्रोच पथ जर्जर होकर अपने वजूद को खो चुका है। विदित हो कि बरसात के दिनों में उफनती नदी की तेज धारा और बालू के बेपरमान उठाव के कारण नदी काफी गहरी हो चुकी है ऐसे में नदी किनारे का भाग प्रतिवर्ष कटाव के आगोश में आ रहा है,ऐसे में सनौर की ओर से शुरू हो रहे इस पुल का पांचवा पिलर कटाव के आगोश में आकर अपने वजूद को खोते हुए अपनी आत्मरक्षा के लिए सरकार व विभाग से गुहार लगा रही है। हालांकि यदि बात की जाए तो वित्तीय वर्ष 2014-15 में बने इस पुल का आज तक विधिवत उद्घाटन तक नहीं हो पाया है,पुल बनने के बाद व्यस्तम मार्ग होने के कारण आम लोगों की जरूरत के लिए इस पुल के दोनों क्षोर आधा-अधूरे एप्रोच पथ का रूप देकर चालू कर दिया गया है। वहीं इस पथ के व्यस्तता की अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि इस मार्ग से होकर हर दिन हजारों की संख्या में छोटी से बड़ी वाहनों की आवाजाही होती है,जिसमें हाइवा,ट्रक जैसे भारी वाहन का प्रवेश इसी पुल के ऊपर से हर दिन होती है जबकि गोड्डा से निकल कर भागलपुर जाने वाली जीवनदायिनी वाहन एम्बुलेंस भी इसी मार्ग से होकर और इसी पुल को पार करते हुए जाती है। ऐसे में इस पुल का जमीनी भाग और ऊपरी भाग का ये स्थिति बनना भविष्य में किसी दुर्घटना का संकेत दे रही है,ऐसे में अब देखना ये होगा कि जब ऐसे तथ्य और तस्वीर को मीडिया के माध्यम से शासन सत्ता में बैठे हुक्मरानों से लेकर जिला के आला अधिकारियों और सम्बंधित विभाग के टेबलों को छूकर निकलेगी तो इस पर क्या सुध लेंगे या फिर ऐसी अतिमहत्वपूर्ण खबर एक मात्र अखबार के पन्नों पर ही सवाल बनकर रह जाएगी।