चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बायॉपिक की स्क्रीनिंग और नमो टीवी पर चुनाव होने तक रोक लगा दिया है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि बायॉपिक पर बैन का EC का आदेश नमो टीवी पर भी लागू होता है, जिसे चुनाव के दौरान प्रसारित नहीं किया जा सकता है। अधिकारी ने आदेश के एक पैराग्राफ का जिक्र किया जिसके मुताबिक, ‘किसी भी प्रकार की प्रमाणित सामग्री से संबंधित कोई भी पोस्टर या प्रचार सामग्री, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी उम्मीदवार की चुनावी संभावना को बढ़ाती है, वह आदर्श आचार संहिता के लागू रहने वाले क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रदर्शित नहीं की जाएगी।’
आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायॉपिक की रिलीज पर लोकसभा चुनाव होने तक रोक लगा दी। आयोग ने कहा कि ऐसी किसी भी सामग्री को नहीं दिखाया जा सकता, जो चुनाव में सभी दावेदारों को समान अवसर उपलब्ध कराने के सिद्धांत से मेल नहीं खाती हो।
आयोग ने अपने आदेश में कहा, ‘किसी भी राजनीतिक इकाई या उससे जुड़े किसी भी व्यक्ति पर आधारित जीवनी या जीवनी के रूप में उसका कोई भी महिमामंडन, जो चुनाव के दौरान सभी दावेदारों को समान अवसर उपलब्ध कराने के सिद्धांत से मेल न खाता हो, वह आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू रहने के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रदर्शित नहीं की जानी चाहिए।’
चुनाव आयोग ने कहा कि उसके पास ‘एनटीआर लक्ष्मी’, ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ और ‘उदयामा सिंहम’ सहित कुछ फिल्मों को लेकर शिकायतें आई हैं, जिनमें एक उम्मीदवार या एक राजनीतिक पार्टी की चुनावी संभावना को रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर कम या उसे बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है।
आयोग के मुताबिक, हालांकि प्रदर्शित सामग्री के रचनात्मक सामग्री का हिस्सा होने का दावा किया गया है लेकिन इनमें सभी को समान अवसर उपलब्ध कराने को प्रभावित करने की क्षमता है जो आदर्श चुनाव आचार संहिता के खिलाफ है।
पीएम पर बायॉपिक फिल्म को 11 अप्रैल को रिलीज किया जाना था। इसी दिन 17वीं लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में होने वाले पहले चरण का मतदान भी है। विपक्षी दलों की शिकायत पर आयोग ने इसके प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। शिकायत में कहा गया है कि मोदी पर आधारित बायॉपिक को चुनाव के दौरान प्रदर्शित करने का मकसद बीजेपी को चुनावी फायदा पहुंचाना है इसलिए चुनाव के दौरान इसके प्रदर्शन की अनुमति देने से चुनाव आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन होगा।