पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर यूपी-बिहार की तरह खराब हो जाएगी दिल्ली- अजय माकन

birsatimes.com

News Agency : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार अजय माकन ने दिल्ली को पूर्ण राज्य (full statehood) का दर्जा देने को लेकर बहुत बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना डिजास्टर (Disaster) की तरह होगा। माकन के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते यहां फंड का इंतजाम पूरी तरह से केंद्र सरकार के जिम्मे है। लेकिन, पूर्ण राज्य बन जाने के बाद यहां के लोगों पर टैक्स (TAX) का बोझ बढ़ जाएगा।

माकन के मुताबिक, “अकेले दिल्ली पुलिस की सैलरी eight,000 करोड़ रुपये सालाना है। केंद्र सरकार शहर के 5-6 सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पर सालाना three,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करती है। लोकल एडमिनिस्टेशन को एक पैसा भी नहीं खर्च करना पड़ता।” उन्होंने ये भी बताया कि केंद्र सरकार ही यहां का अधिकतर फ्यूल सब्सिडी का बोझ उठाती है, लेकिन पूर्ण राज्य बनने से यह भार दिल्ली के लोगों के सिर पर आ जाएगा। उन्होंने पूछा कि, “दिल्ली के लोग ज्यादा टैक्स क्यों दें, सिर्फ इसलिए, क्योंकि अरविंद केजरीवाल ज्यादा पावर चाहते हैं?”

अजय माकन ने यहां तक कहा है कि अगर ऐसा हो गया तो ‘दिल्ली का लॉ एंड ऑर्डर (Law and order) उत्तर प्रदेश या बिहार की तरह खराब’ हो जाएगा। माकन ने कहा कि, “यह दिल्ली के लिए डिजास्टर (Disaster) की तरह होगा। शहर बिहार, उत्तर प्रदेश और किसी भी दूसरे राज्य की तरह खराब हो जाएगा। क्या आपको लगता है कि गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और बेगूसराय का लॉ एंड ऑर्डर दिल्ली से बेहतर है।” नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके माकन ने आरोप लगाया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लेकर सरकारी कर्मचारियों में भारी असंतोष है।

उनके मुताबिक आयोग ने भविष्य में कोई वेतन आयोग नहीं बनाए जाने की बात कही है और सरकार ने इसे मानकर गलत किया है। उन्होंने वादा किया कि सत्ता में आते ही उनकी सरकार आठवें वेतन आयोग के समय पर गठन के लिए काम करेगी। उन्होंने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर भी सवाल उठाते हुए कर्मचारियों को रिझाने की कोशिश की है। दिल्ली में सीलिंग को लेकर पैदा हुई समस्या को लेकर उन्होंने दावा किया है कि उनके कार्यकाल में दिल्ली के मास्टर प्लान में a hundred and seventy से ज्यादा संशोधन किए गए थे। उन्होंने कहा कि अगर उसमें कुछ गलत है तो बीजेपी सरकार उसे ठीक क्यों नहीं करती।

दरअसल, मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया था कि माकन के कार्यकाल में हुई गलतियों के चलते ही दिल्ली में सीलिंग को लेकर समस्याएं पैदा हुई हैं। जबकि, माकन का दावा है कि 2006 में उन्होंने कानून बनाकर एक हफ्ते के अंदर सीलिंग रोक दी थी। गौरतलब है कि माकन का नई दिल्ली सीट पर मौजूदा बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से ही मुकाबला है।

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