वंशवाद के वाहक मोदी की सुनामी में धूल चाटे

वंशवाद के वाहक मोदी की सुनामी में धूल चाट

News Agency : लोकसभा चुनाव 2019 की मतगणना के रुझानों से साफ है कि देश में अगली सरकार एनडीए की बनने जा रही है। एनडीए गठबंधन ने twenty six सीटें जीत ली हैं और वो 318 सीटों पर आगे चल रही है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक बीजेपी ने 27 सीटें जीत ली हैं और 277 सीटों पर लीड कर रही है। कांग्रेस forty three सीटों पर लीड कर रही हैं और सात सीटें जीत ली हैं। मोदी लहर में वंशवाद की राजनीति से आए नेताओं को बड़ी चोट पहुंची है और कई कद्दावर नेता चुनाव हार चुके हैं।यूपी की हाइप्रोफाइल सीट अमेठी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हार मिलती नजर आ रही है। मीडिया से वार्ता करते हुए इस सीट पर राहुल अपनी हार मान ली है। इसके साथ ही राहुल ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को बधाई भी दे दी है। राहुल गांधी अमेठी सीट पर 38 हजार 449 वोटों से पीछ चल रहे हैं। अमेठी लोकसभा सीट गांधी परिवार का गढ़ है। साल 1967 से लेकर अब तक यहां सिर्फ दो बार ऐसा हुआ है जब कांग्रेस ने लोकसभा का चुनाव न जीता हो। 2004 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से अपनी सियासी पारी का आगाज करने वाले राहुल यहां जीत की हैट-ट्रिक लगा चुके हैं।वंशवाद की राजनीति के एक और वाहक ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस चुनाव में मोदी लहर के आगे करारी शिकस्त मिली है। गुणा सीट से भाजपा प्रत्याशी डॉ. कृष्णपाल यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 124579 वोटों से सिंधिया को पछाड़कर बड़ी जीत हासिल की है। अपने पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद 2002 में हुए उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया लगभग सवा चार लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं 2004 में यह अंतर कम होकर 86 हजार ही रह गया था। 2009 में ढाई लाख और 2014 में जीत का अंतर 1 लाख 20 हजार रह गया था। 1999 में राजमाता विजया राजे सिंधिया भाजपा टिकट से जीती थीं। अब इस बार सिंधिया परिवार के बाहर का कोई शख्स इस सीट पर विराजमान होगा

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