राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची. झारखंड में तेजी से करवट लेती राजनीति ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की परेशानी बढ़ा दी है. खतियान के बाद खदान के मामले में घरती हेमंत सोरेन सरकार इस राजनीतिक चक्रव्यूह को भेदने में जुट गई है. वहीं राज्य का मुख्य विपक्षी दल बीजेपी भी कोई मौका गंवाने को तैयार नहीं दिख रहा.
झारखंड में बहुमत के आंकड़े से कई कदम आगे रहने वाली हेमंत सोरेन सरकार फिलहाल परेशान दिख रही है. ये परेशानी खदान से लेकर खतियान और राजभवन की भूमिका से लेकर चुनाव आयोग की सक्रियता से और बढ़ती हुई नजर आती है. कहते है बिना आग के धुंआ नहीं निकलता, इसलिये सत्ताधारी दल के नेता बीजेपी की भूमिका पर अभी से सवाल उठाने लगे हैं.
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की का कहना है कि कई राज्यों में बीजेपी का ऑपरेशन कमल सफल हो चुका है. बीजेपी सत्ता से बेदखल होने के बाद बेचैन है. राज्य की खनिज संपदाओं को लूटने वाली बीजेपी फिर से सत्ता में काबिज होने के लिये हर हथकंडा अपना रही है, पर वह सफल नहीं होगी.
गुरुवार को दिनभर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अचानक दिल्ली जाने की अफवाह उड़ती रही. रही सही कसर बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के एक ट्वीट ने पूरी कर दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भाजपा की शरण में. लेकिन रात होते – होते ये कोरी अफवाह ही साबित हुई. अब बीजेपी के नेता ताजा राजनीतिक घटना क्रम से खुद को अलग रखने के लिये तर्क दे रहे हैं.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव का कहना है कि जब भी कुछ होता है दोष बीजेपी पर मढ़ दिया जाता है. क्या मुख्यमंत्री को खदान लेने के लिये, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को प्रोत्साहन राशि लेने के लिये और मंत्री मिथिलेश ठाकुर के द्वारा ठेका लेने के लिये भी बीजेपी ही जिम्मेवार है.
हाल के दिनों में बीजेपी के अति उत्साह और सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट को जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडेय दिव्य ज्ञान से जोड़ कर बता रहे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी लाख कोशिश कर ले पर जनता के समर्थन से बनने वाली हेमंत सोरेन सरकार 5 साल ही नहीं बल्कि अगले 15 साल तक सत्ता पर काबिज रहने वाली है. हेमंत सोरेन के काम और उनकी लोकप्रियता से घबरा कर बीजेपी षड्यंत्र करने में लगी है. सरकार गठन के बाद से ऐसा षड्यंत्र चल रहा है, पर ये कभी भी नहीं होगा सफल.