जलमीनर बनाने में करोड़ों खर्च पानी सप्लाई वर्षों से नदारत

:- जलमीनार निर्माण हुए तीन वर्ष से हो गया ऊपर लेकिन ग्रामीणों का लाभ शून्य।

संवाददाता राम कुमार

बालूमाथ। बालूमाथ प्रखंड परिसर में बने जलमीनार एवं पानी सप्लाई पाइपलाइन लगभग 3 वर्ष से बंद पड़ी हुई है। जिसके कारण आमजन दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। जिससे क्षेत्र में डायरिया एवं टाइफाइड जैसे बीमारी का प्रकोप आने की संभावना है। बताते चलें कि प्रखंड परिसर में पेयजल विभाग द्वारा निविदा निकाल कर लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से जलमीनार का निर्माण कराया गया था। ताकि यहां के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा सके। लेकिन सिर्फ यह कहने कहाने वाली बात रह गई है। मामले की पड़ताल करने पर ग्रामीणों ने बताया कि हमलोग शुरुआती वर्ष में एक साल का पेयजल आपूर्ति कनेक्शन का पूरा पैसा देकर कनेक्शन कराया था,जिसकी रसीद भी हमलोगों के पास है।लेकिन दुर्भाग्य है कुछ ही महीनों तक ही हमलोगों को शुद्ध पानी सप्लाई का लाभ मिल सका। मजबूरन हमसभी अब दूषित एवं आयरन वाला पानी उपयोग कर रहे हैं।

इतनी गर्मी में शुद्ध पानी ग्रामीणों को मिलती तो स्वास्थ्य बिगड़ने का नहीं रहता खतरा।

प्रखंड क्षेत्र में पिछले 5 दिनों से 46 डिग्री सेल्सियस गर्मी पड़ रही है लोग जल रहे हैं अगर वर्तमान समय में पेयजल विभाग द्वारा लोगों के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था कर दी जाती तो सरकार का करोड़ों रुपए खर्च सार्थक साबित होता। लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि 2 वर्ष से ऊपर बीत गए हैं और बंद पड़े जलमीनार को पेयजल विभाग द्वारा शुरू नहीं कराई गई है।

क्या कहते हैं पेयजल विभाग के कनीय अभियंता

पेयजल विभाग के कनीय अभियंता से दूरभाष पर संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि समस्या की सूचना है। शुद्ध पानी  सप्लाई के लिए नदी में पानी नहीं है जिसके वजह से पानी सप्लाई ठप है।पानी का स्रोत देखा जा रहा है जल्द ही पानी सप्लाई शुरू ग्रामीणों के लिए कर दी जाएगी।

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