News Agency : राजस्थान और मध्य प्रदेश में किले दरकने की खबरों के बीच अब महाराष्ट्र में कांग्रेस को पार्टी में टूट का डर सताने लगा है। महाराष्ट्र में गठबंधन करने वाली कांग्रेस और नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को अपने नेताओं के दल बदलकर बीजेपी और शिवसेना में जाने की आशंका से जूझना पड़ रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस और एनसीपी की मुंबई में हुई हालिया बैठक में लोकसभा चुनाव में राज्य में खराब प्रदर्शन के साथ ही नेताओं के छिटकने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को पता चला है कि कांग्रेस और एनसीपी के लगभग एक दर्जन नेता महाराष्ट्र में बीजेपी नेतृत्व के संपर्क में हैं और पार्टी में आने के लिए मोलभाव कर रहे हैं। इनमें से कम से कम आठ नेता कांग्रेस और बाकी एनसीपी के हैं। बीजेपी नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिले भारी बहुमत के कारण इन दोनों दलों के विधायक और नेता बीजेपी नेतृत्व के साथ भगवा दल में आने के लिए बातचीत कर रहे हैं। बीजेपी के एक नेता ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि मुंबई से कांग्रेस के एक वरिष्ठ दलित नेता, उत्तर भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले एक कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक और पुणे से संबंध रखने वाले महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री बीजेपी में आने के लिए बातचीत कर रहे हैं।बीजेपी के एक अन्य नेता ने बताया, ‘मुंबई से कांग्रेस के दलित नेता हमारी पार्टी में आने के लिए अंतिम दौर की बातचीत कर रहे हैं। पुणे जिले से चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हमारे संपर्क में हैं क्योंकि उनकी सीट पर कांग्रेस के सहयोगी दल ने दावा किया है और इस वजह से वह हमारी सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं।’उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के कुछ नेता जून के पहले दो सप्ताह में बीजेपी में शामिल होंगे। राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र के बाद बाकी के नेता बीजेपी में आ सकते हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के अलावा राज्य में मराठा समुदाय का नेतृत्व करने वाली दूसरी पीढ़ी भी बीजेपी के संपर्क में है। बुधवार को कांग्रेस के पूर्व नेता और एजुकेशन इंडस्ट्री का बड़ा नाम पतंगराव कदम के बेटे विश्वजीत के भी बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगी थी। हालांकि, विश्वजीत ने बाद में दावा किया कि वह पार्टी को छोड़कर बीजेपी में नहीं जा रहे।
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