राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची :इन दिनों से हेमंत सरकार और कांग्रेस में ठीक-ठाक नहीं चल रहा है हेमंत सरकार में बैठे पदाधिकारी कांग्रेस की मामूली से मामूली बातों को मानने के लिए तैयार नहीं और जिसमें झारखंड सरकार का सूचना जनसंपर्क विभाग प्रमुख है
ऐसे तो सन 2013 से ही यानी जब से तत्कालीन प्रभारी निदेशक अवधेश पांडे का सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में
पदस्थापन हुआ था . तब से इस विभाग में भ्रष्टाचार ,मनमानी और अनियमिकता बहुत ही व्यापक रूप से हो गया और वहीं अभी तक चल रहा है, क्योंकि अवधेश पांडे अपने भी घनघोर भ्रष्ट और अनैतिक अधिकारी था तथा साथ ही साथ अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को भ्रष्ट बना देता था ,
क्योंकि अवधेश पांडे अपने कार्यकाल में सारी सरकारी नियमों को ताक में रखकर लाखों रुपए लेकर माध्यम सूची में समाचार पत्रों को झारखंड सरकार के विज्ञापन सूची में समावेश करता था
इस संबंध में जानकारी है कि १.एक समाचार पत्र को एक महीने का विज्ञापन राशि यानी आठ लाख रूपये लेकर झारखंड सरकार के विज्ञापन सूची में सम्मिलित करवाया था २. जिस तरह लालू यादव अपने राजद नेताओं से जमीन लेकर टिकट तथा पार्टी पदाधिकारी बनता था उसी प्रकार अवधेश पांडे बिल्डर सह समाचार पत्र संचालक से दो बड़े-बड़े जमीन प्लॉट अपने नाम पर करवाया है क्योंकि समाचार पत्र के मालिक जमीन का कारोबार भी करते हैं
इस तरह के कई और कारनामे अवधेश पांडे हैं ! इसके अलावा अवधेश पांडे बहुत ही बड़ा ब्याभिचारी व्यक्ति भी था !लोगों का कहना है कि प्रभारी निदेशक आवास में अकेले रहते थे .जिसके कारण इस खाली आवास में तरह-तरह की लड़कियों को लाते रहते थे साथ ही साथ लोगों का कहना है कि अवधेश पांडे के आवास में रात के अंधेरे में सूचना विभाग के एक महिला अधिकारी को भी आते -जाते देखा गया है और इस महिला अधिकारी के साथ कई बार पांडे शारीरिक संबंध भी बनाया है !पांडे के कारनामे के कारण सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में भ्रष्टाचार पूरी तरह से जकड़ गया है
पिछले दिनों सैकड़ों समाचार पत्रों , इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया ,वेबसाइट्स , को झारखंड सरकार के विज्ञापन के माध्यम सूची में सम्मिलित किया है ,परंतु पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित अंग्रेजी दैनिक नेशनल हेराल्ड और नवजीवन अखबार को माध्यम सूची में समावेश नहीं किया है जबकि यह दोनों समाचार पत्र झारखंड सरकार के माप दंड में पूरी तरह से फिट बैठता है !इस पत्र के संबंध में केंद्र से प्रदेश के कई वरिष्ठ दर्जनों कांग्रेसियों ने संबंधित विभाग के सचिव ,निदेशक तथा मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार को कह चुके हैं परंतु अभी तक इन दोनों पत्र में 1 सेंटीमीटर का भी विज्ञापन नहीं मिला है है जिसके कारण कांग्रेसियों में भारी गुस्सा है और वहीं दूसरी ओर घनघोर आर एस एस तथा भाजपा के पूर्व सांसद श्री आर .के .सिन्हा के समाचार पत्र देशप्राण को झारखंड सरकार के मध्याम सूचि में सम्मलित कर लिया जबकि देशप्राण के पूर्व कर्मचारी और आम जनता का कहना है कि पिछले करीब डेढ़ वर्षो से उपयुक्त समाचार पत्र का मुद्रण बंद था !इसके साथ -साथ लोगों का कहना है कि पूर्व सांसद श्री सिन्हा तथा मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू का पारिवारिक रिश्ता है इसलिए देशप्राण को आनन-फानन में झारखंड सरकार के विज्ञापन सूची में समावेश कर लिया गया !यह सारी बातें कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने हमारे संवाददाता को कहा है
इस समय वर्तमान निदेशक राजीव लोचन बक्शी तीसरे वार निदेशक पद पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में पदस्थापन हुए ऐसे बक्शी बहुत ही कर्मठ और ईमानदार अधिकारी हैं !इसलिए एक बार 4 महीने में ही रहे हैं और दूसरी बार एक वर्ष ही रह पाए !दोनों अवधि में बक्शी ने अपनी कर्मठता और ईमानदारी से कार्य कुशलता से कार्य किया, जिसके कारण प्राय सभी मीडिया कर्मी बख्शी के कार्यों का सराहना करते रहते हैं थे! परंतु इस बार बख्शी मूकदर्शक निदेशक बने हुए हैं क्योंकि मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार पिंटू जी ने श्री बक्शी से यही हिदायत देकर पदस्थापित किया है कि आप एक सिर्फ स्टाम्प रबर की तरह काम करेंगे ! सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का सारा काम मेरी भाभी यानी उप निदेशक श्रीमती शालिनी वर्मा काम करेगी ! ऐसी श्रीमती वर्मा भ्रष्ट तथा एक जहरीले सांप की तरह है! श्रीमती वर्मा के एक -एक अंग में जहर भरा हुआ है !श्रीमती वर्मा अपने आप को विक्टोरिया रानी समझती है इस तरह का व्यवहार शिबू सोरेन के किसी भी बहू का नहीं है ! ऐसे इस समय जनसंपर्क और सूचना विभाग झारखण्ड के अधिकारी एक -एक समाचार पत्र के मालिक से झारखण्ड सरकार के विज्ञापन सूची में शामिल करने के लिए सात लाख रूपये खूले आम ले रहे हैं श्रीमती वर्मा समाचार पत्रों के मालिकों और पत्रकारों से रौब से बात करती है और कई समाचार पत्रों को झारखंड सरकार के सूची में सम्मिलित अखबार को 10 महीनों से विज्ञापन बंद कर दिया है! श्रीमती वर्मा यानीसूचना जनसंपर्क विभाग के व्यवहार से हेमंत सरकार की छवि धूमिल हो रही है और साथ ही साथ महागठबंधन में धीरे-धीरे दरार बढ़ रही है
इस तरह के रवैये से कांग्रेसी जनसंपर्क और सूचना विभाग झारखण्ड से काफी नाराज है