दिल्ली व्यूरो
नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी में लेने के मामले में कांग्रेस दुविधा में है. कांग्रेस की सोमवार को हुई अहम बैठक में इसको लेकर कोई फैसला नहीं हो सका. यह घटनाक्रम इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमेटी के तेलंगाना राष्ट्रीय समिति के साथ चुनाव को लेकर करार के बाद सामने आया है. सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को लेकर जो समिति बनाई थी, उसने साफ तौर पर कहा है कि प्रशांत किशोर अगर कांग्रेस से जुड़ते हैं तो उन्हें अन्य पार्टियों के साथ किसी भी प्रकार के चुनावी समझौते से दूर रहना होगा. प्रशांत किशोर आधिकारिक तौर पर खुद को आईपीएसी से दूर कर चुके हैं, लेकिन यह माना जाता है कि संगठन के फैसलों पर उनकी स्पष्ट छाप होती है. कांग्रेस आलाकमान ने सोमवार को अपनी महत्वपूर्ण बैठक की. कांग्रेस की इस बैठक को इसलिए खास माना जा रहा था क्योंकि इसमें ये फैसला होना थाकि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी के साथ जुड़ेंगे या नहीं. प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर पार्टी आलाकमान की अंतिम बैठक माना गया था.लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला.
पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के अलावा, प्रशांत किशोर के प्रस्ताव पर उन्हें एक रिपोर्ट सौंपने वाली सात सदस्यीय समिति के सदस्य बैठक के लिए पार्टी प्रमुख के आवास पर पहुंच गए हैं. समिति के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, अंबिका सोनी, जयराम रमेश, दिग्विजय सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और वरिष्ठ नेता एके एंटनी भी बैठक के लिए कांग्रेस अध्यक्ष के 10 जनपथ आवास पर पहुंच गए हैं.
चुनावी रणनीतिकार की अब तक कांग्रेस नेतृत्व के साथ तीन बैठकें हो चुकी हैं, जिसके दौरान उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में चुनावी हार पर मंथन करते हुए पार्टी को फिर से जीवंत करने की अपनी योजना पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया है. हालांकि, कांग्रेस के दिग्गजों का एक वर्ग चुनावी रणनीतिकार के साथ साझेदारी से सावधान रहा है, क्योंकि कई पार्टियों के साथ उनका जुड़ाव है जो कि कई राज्यों में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी हैं.
पार्टी के सूत्रों ने पहले संकेत दिया है कि सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर के प्रस्ताव का मूल्यांकन करने के लिए बनाई गई विशेष टीम चाहती है कि वह अन्य सभी राजनीतिक दलों से अलग हो जाएं और खुद को पूरी तरह से कांग्रेस के लिए समर्पित कर दें. सूत्रों ने यह भी कहा है कि प्रशांत शोर ने सुझाव दिया था कि कांग्रेस ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और केसीआर की तेलंगाना राष्ट्र समिति सहित क्षेत्रीय ताकतों के साथ गठजोड़ करे.