केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री का भ्रमण

भाकृअनुप- राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान, नामकुम,

रांची: मंत्री कल रात्रि में ही संस्थान में पधार चुके थे । रात्रि विश्राम अतिथिगृह में किया । आज सुबह पूरे संस्थान का परिभ्रमण किया एवं सभी विषयों की गहन जानकारी ली । मंत्री एवं रक्षा राज्य मंत्री रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ एवं अन्य अतिथियों द्वारा संस्थान के परिसर में चंदन के पौधे का वृक्षारोपण किया गया।
तत्पश्चात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तीनों संस्थानों के निदेशकों द्वारा अपने-अपने संस्थान की विभिन्न गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
इसके अंतर्गत भारतीय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉक्टर सुजय रक्षित द्वारा उनके संस्थान की गतिविधियों शोध कार्यक्रम एवं शिक्षा कार्यक्रम आदि के बारे में बताया गया l उन्होंने संस्थान की भावि गतिविधियां एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में मंत्री महोदय का ध्यान आकृष्ट किया।
इस क्रम में राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के निदेशक डॉक्टर अभिजीत कर ने संस्थान की गतिविधियों ,कार्यक्रमों ,शोध कार्यक्रम ,शिक्षा कार्यक्रम आदि के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में लाख की फसल को कृषि का दर्जा दिया गया है। इसी तरह यदि अन्य राज्यों में लाख को कृषि का दर्जा दिया जाए तो किसानों की आय बढ़ेगी और वह काफी सुदृढ़ होंगे। विदित हो कि अन्य राज्यों में लाख को वन उपज के रूप में माना गया है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ इन किसानों को नहीं मिल पाता है।
अंत में पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह ने अपने संस्थान में हो रही गतिविधियों, शोध कार्यों, प्रशिक्षण कार्यों, आदि के बारे में संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया।


मंत्री ने तीनों निदेशकों द्वारा प्रस्तुत उनके संस्थान के गतिविधियों को गहनता पूर्वक सुना और समझा । उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह सौभाग्य है कि मंत्रालय का जिम्मा मिलने के बाद पहली बार मैं अपने कार्य का श्री गणेश रांची से कर रहा हूं उन्होंने आश्वासन दिया कि मंत्रालय द्वारा जो भी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा सकती है वह उसे अवश्य पूरा करेंगे। उन्होंने खुशी जाहिर की कि क्योंकि इस संस्थान का शतवार्शिकी इस वर्ष मानया जाएगा इस हेतु विशेष शुभ कामनाएं दी। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि पारंपरिक कृषि के साथ-साथ अन्य संगत कृषि प्रणालियों एवं आय बढ़ाने के साधनों से संबंधित शोध कार्यों एवं आधुनिक तकनीकों द्वारा किसानों की प्रगति संभव है इससे उनकी आय बढ़ेगी और देश सुदृढ़ होगा। मंत्री कि इच्छा है कि तीन करोड़ लखपति दिदियों में से कम से कम एक लाख लखपति दीदी लाख उत्पादन एवं उस जुड़े व्ययसयों के छेत्र में भी बने इसके लिए हमसभी को मिली कार्य करना होगा।


इस कार्यक्रम में स्थानीय सांसद एवं रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ के अतिरिक्त बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस सी दुबे सहित तीनों संस्थानों के वैज्ञानिक, अधिकारी और कर्मचारी गण उपस्थित थे।

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