जद (यू ) में ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच धमासान

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
पटना. जद (यू ) में ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच विवाद और बढ़ता ही जा रहा है. खासकर तब से जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में जद (यू ) के तमाम बड़े नेताओं ने एक सुर से भाजपा के साथ गठबंधन नहीं होने के लिए आरसीपी सिंह को जिम्मेदार बताया था. लेकिन आरसीपी सिंह ने पटना में आकर प्रेस वार्ता कर साफ कर दिया कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नही थी. यह विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि आरसीपी सिंह ने विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर एकबार फिर पार्टीलाइन से अलग बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि विशेष दर्जे की खिड़की से बिहार को मदद मिलनी चाहिए. इसके अलावा उनके उस बयान से भी विवाद गहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार के जन्मदिन 1 मार्च से सालभर बिहार में घूमघूम कर सदस्यता अभियान चलाने की बात कही थी. आरपीसी सिंह के इन बयानों के बाद पार्टी के नेताओं के जो बयान आए, वे बताते हैं कि जद (यू ) में गुटबाजी किस कदर बढ़ गई है. आरसीपी सिंह पर जद (यू ) के बड़े नेता अब खुलकर सवाल उठाने लगे हैं.
इन मुद्दों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह ने कौन से अभियान चलाने की बात कही है, ये तो वे ही बताएंगे. हमें इस बारे में जानकारी नहीं. पार्टी की तरफ से संगठन विस्तार का काम तो चल ही रहा है, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा इस काम को सफल बनाने के लिए रात-दिन मेहनत कर रहे हैं.
बिहार को विशेष राज्य को लेकर आरसीपी सिंह के बयान पर ललन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि खिड़की और दरवाजा क्या होता है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए – यही जद (यू ) और नीतीश जी का मांग है और ये मांग देश के प्रधानमंत्री से है. ललन सिंह ने यह भी कहा कि कुछ लोग बड़ा सपना देख लेते हैं. पार्टी में सिर्फ नीतीश कुमार ही नेता हैं – जो लोग इस तरह का सपना देख रहे हैं, उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है.
इस बीच जेडीयू के वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी इशारों में आरसीपी सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग जद (यू ) की तरफ से ही नहीं, बल्कि बिहार की जनता के तरफ से मांग है. इससे कम कुछ मांग हो ही नहीं सकती है.
जद (यू ) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आरसीपी सिंह पर बड़ा हमला बोलते हुए ये सवाल खड़ा करने की कोशिश की है कि आरसीपी सिंह कई काम ऐसा कर रहे है जो पार्टी लाइन के खिलाफ है. कुशवाहा ने कहा कि उनकी मंशा इसके पीछे क्या है, ये तो वही जानें. लेकिन उनका आचरण पार्टी के खिलाफ दिखता है, जो ठीक नहीं है. जिस तरह का बयान आरसीपी सिंह दे रहे हैं, उसका मतलब क्या है ये आरसीपी सिंह ही बता सकते हैं. आरसीपी सिंह को भी पार्टी के सिस्टम से ही चलना चाहिए, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं नीतीश जी, उनसे परामर्श लेकर ही सदस्यता अभियान चलाना चाहिए था.

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