विशेष प्रतिनिधि द्वारा
रांची. अगर आप किसी पार्लर में जाएं और वहां आपका मेकओवर करने खुद पूर्व सीएम की बेटी पहुंच जाए तो आपको कैसा लगेगा? स्पेशल वाली होगी न! इन दिनों राजधानी रांची के लोगों को समय-समय पर कुछ ऐसी ही स्पेशल वाली फिलिंग होती है. क्यों कि खुद पूर्व सीएम की बेटी ही पार्लर में आम से लेकर खास को तैयार करती हैं. दरअसल बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की बेटी ने यह साबित किया है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. वीआईपी कल्चर को त्याग कर सालों से साधारण जिंदगी जी रही प्रमिला आज कई महिलाओं के लिए मिसाल बन गई है. बिना पिता के पद और कद का लाभ उठाते हुए प्रमिला अपने सपने को जी रही हैं. वह खुद आत्मनिर्भर बनकर अपने घर की जिम्मेदारी उठा रही है. अब रांची में प्रमिला की सादगी की हर कोई तारीफ कर रहा है. बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की बेटी प्रमिला की शादी झारखंड की राजधानी रांची में हुई है और जिसके बाद वह इसी शहर में ब्यूटी पार्लर का संचालन कर अपने बदौलत अपनी पहचान बनाने का काम कर रही हैं.
रांची में 2007 से ब्यूटी पार्लर का संचालन कर रही प्रमिला का कहना है कि अब यहीं उन्होंने आम लोगों के बीच अपनी छोटी सी दुनिया बसा ली है. उन्हें अपनी कमाई से ही अपने शौक पूरा करने का मन करता है. इसलिए वह अपने परिवार के वीआईपी कल्चर को पीछे छोड़ अपने बलबूते पूरे घर को चला रहीं हैं.
बता दें, राजधानी रांची में ब्यूटी पार्लर चला रही प्रमिला भले ही पूर्व सीएम की बेटी हो लेकिन वह खुद भी पार्लर का सारा काम करती हैं. शादी के मौसम में प्रमिला उनके पार्लर में आने वाली दुल्हन का खुद ही मेकअप करती और उन्हें सजाती-संवारती हैं. प्रमिला के पार्लर में आने वाली महिलाएं भी उनकी तारीफ करती हैं. प्रमिला के पार्लर में मेकअप करवाने पहुंची एक दुल्हन आफरीन ने बताया कि निश्चित तौर पर पूर्व सीएम की बेटी जब तैयार करती हैं तो यह काफी स्पेशल होता है. उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. इसलिए प्रमिला अपने हुनर के बदौलत अपनी अलग पहचान बना रही हैं.
वहीं प्रमिला के पति रवि कुमार भी अपनी पत्नी की जमकर तारीफ करते हैं. वह कहते हैं उन्हें खुशी होती है कि उनकी पत्नी अपने बल पर अपना अलग मुकाम बना रही हैं. उनसे दूसरे लोग भी सीख सकते हैं. वीआईपी परिवार के नाता रखने के बाद भी मेरी पत्नी कभी पूर्व सीएम की बेटी वाली इमेज में नजर नहीं आती है. उसका मानना है कि उसे अपनी अलग खुद की पहचान बनानी है और इसके लिए वह निरंतर प्रयास कर रही