बिहार बोर्ड (बिहार विद्यालय परीक्षा समिति) की इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट शनिवार को रिकार्ड समय के भीतर पहली बार मार्च में ही घोषित किया जा रहा है। तीन साल पहले आर्ट्स टॉपर प्रोडिकल गर्ल रूबी राय के मामले के कारण देश-दुनिया में बदनाम हुए बोर्ड के लिए यह किसी उपलब्धि से कम नहीं। बिहार बोर्ड जब-जब रिजल्ट जारी करता है, रूबी राय की याद जरूर आती है, जो कॉपियों में ‘तुलसीदास प्रणाम’ लिखकर टॉप कर गई थी।
विदित हो कि साल 2016 की बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा की आर्ट्स टॉपर रूबी राय मीडिया इंटरव्यू में अपने विषय पॉलिटिकल साइंस का नाम ‘प्रोडिकल साइंस’ बता सुर्खियों में आ आइ थी। उसने यह भी कहा था कि इसके अंतर्गत खाना बनाने की पढ़ाई होती है। रूबी के उक्त इंटरव्यू के बाद बवाल मच गया। फिर, धीरे-धीरे बिहार बोर्ड में लगे भ्रष्टाचार की परतें एक-एक कर उतरतीं चली गईं।
साल 2016 में बिहार बोर्ड ने राज्य की छवि दागदार कर दी थी। बोर्ड की उस साल की इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय अपने विषय तक का नाम ठीक से नहीं बात सकी थी। उसने पॉलिटिकल साइंस को न केवल ‘प्रोडिकल साइंस’ बताया था, बल्कि यह भी कहा कि इसमें खाना बनाना सिखाया जाता है।
रूबी ने वैशाली जिला के एक कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी। इस कॉलेज का प्रिंसिपल बिहार बोर्ड में सालों से चल रहे रिजल्ट घोटाले का मास्टरमाइंड निकला।
रूबी राय के इंटरव्यू के मीडिया में छाने के बाद रिजल्ट पर सवाल उठने लगे। बिहार बोर्ड ने जांच की खानापूरी कर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे गंभीरता से लिया। फिर पुलिस के विशेष दल (एसआइटी) ने इस घाेटाले की परतें उघेड़कर रख दीं। बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सहित कई बड़े अधिकारी गिरफ्तार कर लिए गए। रूबी को भी गिरफ्तार किया गया। वह मुकदमा अभी भी चल रहा है।
जांच के दौरान सालों से चल रहे एक बड़े घोटाले का पता चला, जिसकी जानकारी बाद में। फिलहाल हम रूबी राय पर फोकस करें। पता चला कि रूबी ने अपनी कॉपियशं खुद नहीं लिखी थीं। परीक्षा में जो कॉपियां रूबी ने लिखीं थीं, उनमें प्रश्नों के उत्तर के बदले -तुलसीदास प्रणाम’ तथा 101 फिल्मी गाने आदि लिखे थे।
आगे बोर्ड ने रिव्यू टेस्ट के लिए पहले 10 स्थान पाने वाले सभी टॉपरों को बुलाया, जिसमें रूबी फेल कर गई। उसका रिजल्ट बोर्ड ने रद कर दिया।
इस घटना के बाद सरकार ने पटना के तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर को बोर्डका अध्यक्ष बना दिया। उनके नेतृत्व में बोर्ड ने परीक्षा में नकल पर नकेल कसने के लिए कई बड़े व कड़े कदम उठाए। बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशाेर के प्रयासों का ही परिणाम है कि इस साल पहली बार मार्च में ही परीक्षा परिणाम घोषित किया जा रहा है।