राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची: दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले से जेएमएम प्रमुख को बड़ी राहत मिली है। लोकपाल में जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन के खिलाफ चल रही सुनवाई पर दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। गोड्डा के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला लोकपाल में 5 अगस्त 2020 को दर्ज कराया था। जिसके बाद 15 सितम्बर 2020 को लोकपाल ने सीबीआई को मामले की प्रारम्भिक जांच करने का निर्देश दिया था।
लोकपाल में इस निर्देश के विरुद्ध झामुमो अध्यक्ष द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत चुनौती याचिका दाखिल की गयी थी। 12 सितम्बर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकपाल में चल रही सुनवाई पर 13 दिसम्बर 2022 तक रोक लगा दी है। जस्टिस यशवंत वर्मा की अदालत ने लोकपाल में सुनवाई पर रोक लगाते हुए कहा कि मामले पर विचार करने की जरुरत है और अगली तारीख तक लोकपाल में इस मामले में कोई सुनवाई नहीं की जाए।
चुनौती में झामुमो अध्यक्ष द्वारा आपत्ति दर्ज की गयी कि तथाकथित घटना के 7 साल से अधिक समय बाद शिकायत दर्ज की गई और लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 की धारा 53 के अनुसार उक्त अवधि समाप्त होने के पश्चात ऐसी कोई जांच नहीं की जा सकती है।
चुनौती याचिका में यह भी कहा गया था कि लोकपाल के समक्ष 5 अगस्त, 2020 को शिकायत दर्ज की गई थी। सीबीआई ने जुलाई 2021 में शिबू सोरेन एवं उनके परिवार के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की। जबकि फरवरी 2022 के अंत तक शिकायत की कोई प्रति याचिकाकर्ता को प्रदान नहीं की गई।
जेएमएम केंद्रीय समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोकपाल को सीबीआई द्वारा दी गयी अपनी तीन अलग-अलग जांच रिपोर्ट में याचिकाकर्ता निशिकांत दुबे द्वारा आरोप से सम्बंधित कोई साक्ष्य नहीं पाया गया। जस्टिस वर्मा ने इस मामले में लोकपाल और याचिकाकर्ता भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को भी नोटिस भेजा है।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह बात सर्वविदित है कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का गलत उपयोग कर रही है। और निशिकांत और भाजपा की ओछी मानसिकता और हरकतों से सभी वाकिफ हैं। एक आदिवासी मुख्यमंत्री द्वारा जनता की सेवा करना इन्हें कतई रास नहीं आ रहा है, इसलिए सामंतवादी और मनुवादी सोच वाले इन भाजपा नेताओं द्वारा येन-केन-प्रकारेण कई प्रकार के हथकंडों को अपनाया जा रहा है, जिसमें वह हर बार विफल भी हो रहे हैं।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन की संपत्ति देश के करोड़ों मूलवासी-आदीवासी, दलित-शोषित लोगों की विश्वास एवं श्रद्धा है। इतने अकूत सम्पत्ति से समृद्ध प्रतीक पुरूष गुरुजी हर वख्त मनुवादी एवं सामंतवादियों के खिलाफ संघर्षरत रहे हैं एवं उनकी पहचान को बनाए रखे हैं। भाजपा और उनके सांसद यह कान खोल कर सुन लें कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा संकट के समय और भी मजबूत होती है और पार्टी के ऊपर प्रहार करने की मंशा वाले लोग नेस्तानाबुत हो जाते हैं।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि खुद को सर्वस्व समझना अंततः उसके पतन का सबब बन जाता है। ऐसा ही भाजपा के साथ हो रहा है। झारखंड में 2 साल से सत्ता सुख से दूर रहने का विरह भाजपा और सांसद निशिकांत, दोनों से झेला नहीं जा रहा है। कभी सरकार गिराने की साजिश, कभी विधायकों को खरीदने के प्रयास, कभी संवैधानिक संस्थाओं की मदद से झामुमो अध्यक्ष दिशोम गुरु शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ सुनियोजित षड्यंत्र, हर एक क्षेत्र में सांसद निशिकांत और भाजपा की तमाम कोशिशें चारों खाने चित्त हो रही है। एक ऐसे ही मामले में फिर से निशिकांत और भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है।