बेगूसराय जिला के प्रथम पुलिस अधीक्षक रामचंद्र खान का निधन

विशेष संवाददाता द्वारा
बेगूसराय:बेगूसराय जिला की स्थापना सन 1970 में हुआ था और उसके प्रथम पुलिस अधीक्षक रामचंद्र खान जी हुए थे ,जिन का आज निधन हो गया है गांधीवादी ङ्क्षचतक रामचंद्र खान का निधन शनिवार को पटना के एक निजी अस्पताल में हो गया। उनके निधन से प्रशासनिक महकमे तथा बुद्धिजीवियों के साथ सामाजिक एवं सांस्कृतिक जगत में शोक की लहर है। दिवंगत रामचंद्र खान पद्मश्री ऊषा किरण खान के पति थे। उनके पत्नी उषा किरण खान एक साहित्यिक जगत के प्रख्यात हस्ती है तथा उनकी एक पुत्री भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं
बता दें कि रामचंद्र खान (Ramchandra Khan) की गिनती बिहार के सख्त IPS अधिकारियों में होती थी. रामचंद्र खान बिहार के दरभंगा जिला के किरतपुर प्रखंड के रहने वाले थे. उनकी बेटी अनुराधा शंकर भी मध्य प्रदेश में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं. पूर्व IPS रामचंद्र खान को एक पुत्र और एक पुत्री हैं.
रामचंद्र खान ना केवल यशस्वी पुलिस अधिकारी थे, बल्कि उनकी बौद्धिक-सांस्कृतिक समाज के एक प्रखर व्यक्तित्व के रूप में बड़ी प्रतिष्ठा थी. वर्ष 1983-84 के बीच बिहार में हुए 44 लाख के वर्दी घोटाले में उनका नाम आया था. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को उनके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले थे, जिसके बाद पूर्व IPS अधिकारी रामचंद्र खान को बरी कर दिया गया था. जानकारी के मुताबिक उनकी कड़क मिजाजी के कारण उस समय के कुछ अधिकारियों ने एक सोची समझी साजिश के तहत उन्हें वर्दी घोटाले में फंसाया था.

1984-85 में बेतिया में आपरेशन ब्लैक पैैंथर अभियान के तहत रामचंद्र खान और रणधीर वर्मा तथा अशोक गुप्ता ने अपराधियों के खिलाफ अभियान छेड़ा था। उसके बाद अपराधियों को अपने क्षेत्र से भागना पड़ा था। अभियान के दौरान कुख्यात अपराधी नमरचन्द्र नुनिया को मार गिराया गया था। उस समय रामचंद्र खान बेतिया रेंज के डीआइजी थे। 1987-88 में बेगूसराय के कुख्यात कामदेव सिंह को रणधीर वर्मा और रामचंद्र खान की जोड़ी ने मार गिराया था। ऐसे कई साहसिक कार्य रामचंद्र के नाम रहे। वे कड़क अधिकारी होने के साथ नेकदिल इंसान भी थे

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