मेरठ में बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपा, रालोद और बसपा गठबंधन को सराब बताने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यादव ने कहा कि सराब और शराब का अंतर वे लोग नहीं जानते जो नफ़रत के नशे को बढ़ावा देते हैं। वहीं दूसरी ओर मायावती ने कहा कि व्यक्तिगत, जातिगत तथा साम्प्रदायिक द्वेष और घृणा की राजनीति करना भाजपा एण्ड कम्पनी की शोभा है जिसके लिये उनकी सरकार लगातार सत्ता का दुरुपयोग करती रही है।
यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद ट्विट कर कहा , ‘‘आज टेली-प्रॉम्प्टर ने यह पोल खोल दी कि सराब और शराब का अंतर वे लोग नहीं जानते जो नफ़रत के नशे को बढ़ावा देते हैं। सराब को मृगतृष्णा भी कहते हैं और यह वह धुंधला सा सपना है जो भाजपा पांच साल से दिखा रही है लेकिन जो कभी हासिल नहीं होता। अब जब नया चुनाव आ गया तो वह नया सराब दिखा रहे हैं।
मायावती ने ट्विट कर कहा, पीएम श्री मोदी ने आज मेरठ से लोकसभा चुनाव अभियान की शुरूआत करते हुए कहा कि मैं अपना हिसाब दूंगा लेकिन विदेश से कालाधन वापस लाकर गरीबों को 15 से 20 लाख रुपये देने और किसानों की आय दोगुनी करने आदि जनहित के मुद्दों का हिसाब-किताब दिये बिना ही वे मैदान छोड़ गए। क्या चौकीदार ईमानदार है।’’
मायावती ने दूसरे ट्विट में कहा, ‘‘व्यक्तिगत, जातिगत और साम्प्रदायिक द्वेष तथा घृणा की राजनीति करना भाजपा एण्ड कम्पनी की शोभा है जिसके लिये उनकी सरकार लगातार सत्ता का दुरुपयोग करती रही है। देशहित को सर्वोपरि मानकर ऐसी गरीब, लोकतंत्र और जनविरोधी सरकार से देश को मुक्ति दिलाने के लिए बसपा-सपा-रालोद ने गठबंधन किया है।’’ मेरठ से चुनावी अभियान की शुरूआत करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सपा के स, रालोद के रा और बसपा के ब को मिलाकर सराब बनती है जो कि सेहत के लिये खतरनाक होती है इसलिये इस गठबंधन से सावधान रहना चाहिए।