नयी दिल्ली : सरकारी और निजी स्कूलों में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम आयु सीमा छह वर्ष निर्धारित की गई है. हालांकि जिन बच्चों की उम्र 1 अप्रैल तक छह साल नहीं हो पाएगी. उन्हें 30 सितंबर तक उम्र पूरी करने पर दाखिला दिया जाएगा. शिक्षा निदेशालय ने जारी किए नए आदेश विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं. जिसमें स्पष्ट किया गया है कि पहली कक्षा में दाखिले के लिए उम्र सीमा में छह महीने की छूट दी जाएगी ताकि बच्चों का शैक्षणिक साल खराब न हो. वर्तमान शैक्षणिक सत्र में क्या है व्यवस्था? वर्तमान 2024-25 शैक्षणिक सत्र में सरकार ने पांच साल छह महीने की उम्र वाले बच्चों को भी पहली कक्षा में दाखिला देने की अनुमति दी थी. लेकिन आगामी सत्र में यह सीमा बढ़ाकर छह वर्ष कर दी गई है. पूर्व-प्राथमिक कक्षा से स्तरोन्नति पर भी लागू होंगे नियम।जिन बच्चों ने पूर्व-प्राथमिक कक्षा पूरी कर ली है और 1 अप्रैल तक छह वर्ष की उम्र नहीं हो पाई है. उन्हें भी पहली कक्षा में स्तरोन्नत किया जाएगा. विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे बच्चों को पूरे वर्ष के लिए पीछे नहीं किया जाएगा. नई शिक्षा नीति के तहत हुआ बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 (NEP) के तहत देशभर में पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम उम्र छह वर्ष निर्धारित की गई है. हरियाणा में भी अब उसी के अनुरूप आयु सीमा को लागू किया गया है. जिससे राष्ट्रीय मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके. क्या कहा गया है आधिकारिक आदेश में?*शिक्षा निदेशालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि आगामी सत्र में वही छात्र पहली कक्षा में दाखिले के पात्र होंगे. जिनकी उम्र 1 अप्रैल 2025 को छह साल या उससे अधिक होगी. 30 सितंबर तक छह साल के होने वाले बच्चों को भी यह छूट दी जाएगी.
पहली क्लास में एडमिशन की उम्र सीमा तय, सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को निर्देश जारी
