बावर्ची का काम करने गए व्यक्ति की हुई मौत,मृतक की पत्नी ने लगाया हत्या का आरोप

एसपी से लगाई न्याय की लगाई गुहार

तथाकथित छुटपुट नेताओं के द्वारा धमकाने का प्रयास जारी

सुस्मित  तिवारी

पाकुड़: उत्तर प्रदेश के कानपुर में बतौर बावर्ची का काम करने गए पाकुड़ सदर प्रखंड के मनिरामपुर निवासी रफीकुल शेख के कथित तौर पर हत्या किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।इस आशय की जानकारी मृतक की पत्नी हमेदा बीबी ने पाकुड़ पुलिस अधीक्षक को लिखित रूप में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।आवेदिका ने अपने पत्र में कहा है कि नया अंजना निवासी मोतीउर रहमान एवं मनिरामपुर निवासी साफु शेख उसके पति को 4 वर्ष पूर्व खाना बनवाने के लिए उत्तर प्रदेश के कानपुर ले गए थे एवं 15000 रूपए प्रतिमाह देने का वादा भी किया था लेकिन हर माह केवल सात आठ हजार ही देता था एवं शेष राशि की माँग किए जाने पर मृतक की बेटी की शादी में एकमुश्त देने की बात कहता था।आवेदिका के आवेदन के अनुसार ढाई माह पूर्व मोतीउर रहमान व साफु शेख पहले की तरह फिर एक बार रफीकुल को काम पर ले गया।दिनांक 6/4/24 को ईद के पूर्व मृतक ने आवेदिका ने दूरभाष पर बाकी रकम लेकर अगली सुबह घर आने की  जानकारी दी। उसी रात 2 बजे मोतीउर रहमान के द्वारा मृतक की पत्नी को दूरभाष पर उसके पति की अकस्मात मृत्यु होने की बात बताई जाती है और कहा जाता है कि इसकी जानकारी किसी अन्य या पुलिस वालों को ना बताई जाए अन्यथा मिट्टी देने में दिक्कत होगी। फिर दिनांक 7/4/24 को रात 11:30 बजे मृतक के पार्थिव शरीर को लाया जाता है और आनन-फानन में खाक ए सुपुर्दगी की रश्म भी पूरी कर ली जाती है।आवेदिका ने पत्र में आगे कहा है कि उसके बेटे ने अपने मोबाइल में अपने मृतक पिता के शव की तस्वीर खींच रखी थी, जिसे देखने पर पता चला कि मृतक का एक कान कटा हुआ था एवं शरीर और मुँह एसिड से जला हुआ था।इधर मृतक के काम करने के एवज में शेष राशि भी आवेदिका के खाते में जमा कर दी गई । जब आवेदिका के रिश्तेदारों ने मोतीउर रहमान व साफु शेख के समक्ष मृतक की हत्या किए जाने की शंका जताई तो दोनो ने उलटे केस में फँसाने की धमकी दी । पूरी घटना की जानकारी देते हुए मृतक की पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से न्याय दिलाने की अपील की है। इसमें यह भी खबर आ रही है कि गांव के तथा कथित छुटपुट नेता के द्वारा कैसे नहीं करने की दवाब देकर आवेदिका को धमकाया जा रहा है। आवेदिका फिलहाल डर के माहौल में घुट घुट जी रही हैं।

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