सुस्मित तिवारी
पाकुड़ :- गुप्त सूचना के आधार पर पाकुड़ वन प्रमंडल ने पश्चिम बंगाल से जुड़े लकड़ी तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। वन प्रमंडल पदाधिकारी रामचंद्र पासवान के निर्देशन में गश्ती दल ने तत्परता दिखाते हुए कुशमाफाटक-पाली-कोलालाबेड़ा मुख्य सड़क पर छापा मारा। 23 जनवरी 2025 को सुबह करीब 2-3 बजे विशेष गश्ती दल ने बड़ी जुगाड़गाड़ी पर लदी 12 बोटा मिश्रित प्रजाति की अवैध लकड़ी पकड़ी। तस्करों ने गश्ती दल को देखकर भागने की कोशिश की, लेकिन टीम की सतर्कता से उन्हें दबोच लिया गया। तस्करी के लिए उपयोग की जा रही जुगाड़गाड़ी और लकड़ी को जब्त कर लिया गया। भारतीय वन अधिनियम, 1927 और झारखंड लकड़ी अधिनियम, 2020 के तहत यह लकड़ी अवैध पाई गई। पकड़ी गई लकड़ी और वाहन को जब्त करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस पूरे मामले को लेकर वन विभाग ने तस्करों पर नजर रखने और उनकी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का वादा किया है। पाकुड़ के सीमावर्ती इलाकों में तस्करी की बढ़ती घटनाओं को लेकर वन विभाग सतर्क हो गया है। यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल से जुड़ी लकड़ी तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। इस कार्रवाई का नेतृत्व क्षेत्र पदाधिकारी श्री रामचंद्र पासवान ने किया। टीम में अमित कुमार, सुजीत पांडे, संजीव कुमार चंदा और अन्य अधिकारी शामिल थे। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि तस्करी रोकने के लिए नियमित गश्त और सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। वन विभाग के अनुसार, यह कार्रवाई न केवल अवैध तस्करी को रोकने के लिए है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक बड़ा कदम है। विभाग ने जनता से अपील की है कि यदि कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आए, तो इसकी तुरंत सूचना दें।