- बांका जिले के अमरपुर थाना में पोस्टेड हैं गाछीटोला बेगूसराय के दयाकांत पासवान
- पुलिस अवर निरीक्षक के घर में घुसकर बदमाशों ने मचाया तांडव
- प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद बदमाशों पर मेहरबान है बेगूसराय पुलिस
नन्दकिशोर दास
बेगूसराय ब्यूरो। समाज में असामाजिक तत्वों, शराब माफियाओं और बदमाशों का आतंक इतना चरम पर है कि आम आदमी की बात ही छोड़िए, अब पुलिस वाले भी महफूज नहीं हैं। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस मामले में बेगूसराय पुलिस भी अपने सहकर्मी वर्दीधारी की मदद नहीं कर पा रही है, जिसकी वजह से पीड़ित पुलिसकर्मी अपने घर में ताला लगाकर सपरिवार पलायन करने को मजबूर हैं। मामले का दुखद पहलू यह भी है कि उक्त पुलिसकर्मी को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए भी काफी जहमत उठानी पड़ी है। जब मामले की नामजद प्राथमिकी दर्ज हो भी गई तो बेगूसराय पुलिस बदमाशों पर इस कदर मेहरबान है कि किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने से बेखौफ नामजद बदमाशों ने पीड़ित पुलिसकर्मी को उसके घर में घुसने पर पाबंदी लगा दी है। पीड़ित शहर में ही अन्यत्र अपने परिवार को शिफ्ट कर वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहा है। दरअसल, नगर थाना क्षेत्र के गाछीटोला निवासी रामबहादुर पासवान के पुत्र दयाकांत पासवान वर्तमान में बांका जिले के अमरपुर थाना में पुलिस अवर निरीक्षक के रूप में कार्यरत है। वे अवकाश की विभागीय स्वीकृति लेकर बेगूसराय स्थित अपने आवास पर आए थे। 15 जनवरी को उन्हीं के मोहल्ले के विवेक कुमार, रंजन कुमार, गौरी देवी, सोनू कुमार, अजय कुमार और रौनक कुमार सहित अन्य लोगों ने उनपर अचानक जानलेवा हमला कर दिया। जिससे वे बुरी तरह से जख्मी हो गए। पीड़ित ने आरोपियों पर पांच हजार रुपए नगद और सोने का चेन छीनने का भी आरोप लगाया है। पीड़ित पुलिस अवर निरीक्षक ने नगर थाना में आवेदन देकर इनलोगों के विरुद्ध कांड संख्या: 20/25 दर्ज कराया है। घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए पीड़ित दयाकांत पासवान ने बताया कि नामजद आरोपी मोहल्ले में खुलेआम शराब का अवैध कारोबार करते हैं। जिससे मोहल्ले के अमनपसंद लोग काफी परेशान रहते हैं। उनकी गतिविधियों से मोहल्ले का माहौल बिल्कुल खराब हो गया है। जब उन्होंने इसका विरोध करना शुरू किया तो वे उनके आंखों की किरकिरी बन गए। उन्होंने बताया कि उनकी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ही उन्होंने अपने घर के आगे सीसीटीवी इंस्टॉल कराया था। जिसके बाद इन बदमाशों ने दहशत फैलाना शुरू कर दिया। इस घटना के पूर्व भी इनलोगों ने मुझसे पांच लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। पीड़ित पुलिसकर्मी ने बताया कि इनलोगों के दहशत का आलम यह है कि मैं सपरिवार शहर में ही कहीं अन्यत्र शिफ्ट कर गया हूं। इन असामाजिक तत्वों ने मेरे अपने घर में घुसने में भी पाबंदी लगा दी है। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद नगर थाना की पुलिस की लापरवाही से इन बदमाशों का मनोबल सातवें आसमान पर है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी बहन को उपहारस्वरूप एक स्कूटी भी दी थी, जिसे बदमाशों ने आवासीय परिसर में घुसकर क्षतिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं सीसीटीवी के तार को नोंचकर सारे कैमरे को भी तोड़ डाला। पीड़ित ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कराने में भी उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस के कोई भी अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं थे। अब जबकि प्राथमिकी भी दर्ज हो गई है, फिर भी बदमाशों के विरुद्ध किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने वरीय पुलिस पदाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। इस संबंध में सदर डीएसपी सुबोध कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है।