लॉटरी माफिया पप्पू भगत द्वारा भूटान स्टेट लॉटरी के नाम पर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा है
रिपोर्ट- अविनाश मंडल
पाकुड़: लॉटरी और जुआ की लत जिसे लग गई, उसकी बर्बादी तय है। सभी जानते हैं लॉटरी और जुआ से आज तक कोई अमीर नहीं बना, फिर लोग रातों-रात अमीर बनने के चक्कर में अपनी गाढ़ी कमाई लॉटरी में लगाकर बरबाद करते हैं। झारखंड में प्रतिबंध होने के बावजूद एटीएम टिकट बड़े पैमाने पर पाकुड़ के विभिन्न जगहों में खुलेआम बेचे जा रहे हैं, लॉटरी माफिया पप्पू भगत द्वारा भूटान स्टेट लॉटरी के नाम पर कागज की छपाई कर लोगों को ठगने का काम भी किया जा रहा है जिससे लोग लॉटरी माफिया पप्पू भगत की जाल में आसानी से फंस कर अपनी कमाई, गाड़ी सब गवा रहे है. पाकुड़ शहर से लेकर गांवों तक लॉटरी टिकट बेचने वालों का नेटवर्क फैला हुआ है। यहां रोजाना लाखों रुपए का लाॅटरी का धंधा हो रहा है। कुछ विक्रेता तो पॉकेट में टिकट लेकर ग्राहकों को फोन पर बुलाकर बेचते हैं।क्षेत्रों में एक सौ, दो सौ, चार सौ, पांच सौ रुपए के लॉटरी टिकट के बंडल खुलेआम बिक रहे हैं। गरीब व मजदूर तबके के लोग दिन भर मजदूरी करने के बाद अपनी गाढ़ी कमाई से लॉटरी के टिकट खरीदते हैं। टिकट विक्रेता उन्हें लॉटरी लगने का लालच देते हैं। उनके चंगुल में लोग आसानी से आ जाते हैं। इस प्रकार लॉटरी से कई परिवार आर्थिक परेशानी झेल रहा है। इन क्षेत्रों में लॉटरी का धंधा पुलिस-प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रहा है। पुलिस प्रशासन कार्रवाई के नाम पर अभी तक न तो किसी बड़ी मछली को गिरफ्तार किया है और न ही उन बड़ी मछलियों पर प्राथमिकी दर्ज की है।
दर्जनों दलाल हैं सक्रिय
पाकुड़ के चौक चौराहा एवं विभिन्न जगहों पर प्रतिदिन 10 से 15 लाख रुपए के लॉटरी टिकट का कारोबार होता है। बंगाल बॉर्डर होने के कारण दलाल इसका पूरा फायदा उठाते हैं।चौक के फल दुकान में, मेनरोड के कई दुकानों में और ग्रामीण क्षेत्रों में लॉटरी टिकट की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है।
ऐसे फैलाते हैं अफवाह
झारखंड में प्रतिबंधित होने के कारण यहां चोरी छिपे टिकट बेचे जाते हैं। टिकट बेचने वाले दलाल भी गांव से लेकर शहर के मोहल्लों तक अपना एजेंट बनाए हुए हैं। लॉटरी टिकट खरीदने वाले इनके नियमित ग्राहक होते हैं। अगर कोई ग्राहक टिकट लेने से मना करता है, तो दूसरे दिन उसे गुमराह करने के लिए एजेंट उस क्षेत्र में अफवाह फैलाता है कि फलाने जगह पर किसी की लॉटरी लगी है। लाखों रुपए जीता है। इस तरह इन दलालों के चंगुल से निकलने की कोशिश कर रहा ग्राहक फिर से उनके चंगुल में फंस जाता है।
सब्जी की की तरह घर-घर पहुंचाए जाते हैं टिकट
प्रतिबंधित लॉटरी टिकट का कारोबार इस कदर फैला हुआ है कि सुबह होते ही बंगाल के दलाल लॉटरी टिकट लेकर सब्जी की तरह घर घर पहुंच जाते हैं। इनको न तो पुलिस का डर है और ही किसी प्रशासनिक पदाधिकारी का। वे प्रतिदिन तीन शिफ्ट में लॉटरी घर घर में जाकर खपाते हैं। पाकुड़ नगर व मुफस्सिल थाना पुलिस को इसके बारे में जानकारी रहने के बावजूद मूकदर्शक बनी रहती है। लॉटरी के इस अवैध कारोबार का क्षेत्र में काफी चर्चा है, लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।
रातों रात अमीर बनने के चक्कर में बर्बाद हो रहे हैं लोग
वैसे तो जिले के अधिकांश प्रखंडों में लॉटरी के टिकटों की बिक्री हो रही है। लेकिन इसका सबसे बड़ा सेंटर पाकुड़ प्रखंड मुख्यालय है। सूत्रों की मानें तो पाकुड़ से अमूमन हर रोज एजेंट करीब पांच लाख रुपए के लॉटरी टिकट लेकर विभिन्न प्रखंडों में जाते हैं। वहां स्थानीय एजेंट और विक्रेता उनसे टिकट ले लेते हैं जो धड़ल्ले से बिक्री हो रही है।
फिलहाल यह लोग है सक्रिय..
पाकुड़ हरिनडांगा बाजार का रिक्की अंसारी और पप्पू भगत
मुफस्सिल थाना क्षेत्र शाहबाजपुर का जेंका शेख और देवतल्ला का जाहिर शेख,जाहिर शेख रिक्की का आदमी है, रिक्की और साहबाजपुर का जेंका शेख खुद एटीएम लॉटरी विक्रेता जो स्थानीय और बंगाल से छपवा कर पूरे जिले में बेच रहा है।