जर्जर झोपड़ी  , मौत के साए में जीवन बसर कर  रहा गरीब परिवार

बारिश के दिन में कभी-कभी रात में खाना भी नहीं बनता है साहब

जिम्मेदार अधिकारियों से कई बार लगा चुके हैं फरियादी

देवघर से  संवाददाता प्रेम रंजन झा

मोहनपुर: झारखंड में आजकल पीएम आवास से ज्यादा चर्चा अबुआ आवास योजना की चर्चा हो रही है। ऐसा हो भी क्यों न क्योंकि झारखंड सरकार गरीब तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के ऐसे लोग जिनके पास अपना स्वयं का पक्का घर नहीं है या फिर वह बेघर है। उनके लिए झारखंड अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरे वाला पक्का आवास उपलब्ध कराया जाएगा। ग्रामीण से बातचीत में यह भी मालूम हुआ कि अबुआ  आवास के चर्चा की एक बड़ी वजह यह भी है कि पीएम आवास से वंचित ग्रामीणों की उम्मीद राज्य सरकार की इस योजना से लगी है।

मोहनपुर प्रखंड के बीचगढ़ा पंचायत के महदेवा गांव में दौरा किया तो  हमारी नजर एक जर्जर झोंपड़ी पर नजर आती है। इसको लेकर हमने आवास योजना पर बात की । जर्जर झोपड़ी से बाहर निकाल कर बबली देवी बताती है कि घर की स्थिति दयनीय है। अब लकड़ी और पॉलिथीन के सहारे बनी झोपड़ी में ही रहती हूं। आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में अबुआ आवास का फॉर्म जमा कर दिए। गांव के लोग कहते हैं अबुआ आवास योजना की सूची में नाम है। अबुआ आवास योजना के तहत झोपड़ी को पक्का घर बनते देखना चाहती हूं। बबली देवी की तरह पंचायत में ऐसे कई गरीबों और जरूरतमंदों की निगाहें राज्य सरकार की अबुआ आवास योजना पर उम्मीद है।

बारिश के दिनों में उसके झोपड़ी के ऊपरी छत क्षतिग्रस्त होने और टूट जाने से घर के भीतर पानी तालाब की तरह भर जाता है। और गरीब परिवार झोपड़ी के भीतर कीचड़ और पानी के बीच रहने को जीवन अपन करने में मजबूर हो रहे हैं।इस संबंध में बीचगढा पंचायत सचिव से संपर्क करने की कोशिश की ,उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। अब जरा सोचिए कि पत्रकारों का फोन रिसीव नहीं करते हैं तो आम जनता का क्या हाल होगा।

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