पुलिस अधीक्षक उपायुक्त को दिया आदेश
संवाददाता: चाईबासा
मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने
चाईबासा के मुफस्सिल थाना अंतर्गत एक गांव में रहने वाली 12 वार्षीय नाबालिग दिव्यांग किशोरी को उनके चाचा द्वारा पहले दुष्कर्म किया जाता है फिर बाद में वो गर्भवती हो जाती है जिस पर उसके चाचा द्वारा उन्हें घर से निकाल दिया गया की ये खबर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली ने दैनिक अखबार के ख़बर छपने पर संज्ञान लिया है। आयोग के आदेश पर उप रजिस्ट्रार ( कानून) के के श्रीवास्तव ने इस मामले पर पुलिस अधीक्षक चाईबासा को चार सप्ताह का समय दिया गया है कि वे इस मामले पर जल्द कार्रवाई करें। वहीं उपायुक्त चाईबासा को पीड़ित नाबालिग लड़की के लिए पुनर्वास सुनिश्चित करने, उसके लिए उचित दवा की व्यवस्था कराने, आश्रय व बेहतर शिक्षा की व्यवस्था कराने का भी आदेश दिया है। साथ ही आयोग ने चार सप्ताह के भीतर सारी रिपोर्ट आडियो वीडियो की भी मांग की है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं सामाज को दूषित कर रही हैं। आयोग के तत्काल कार्रवाई से नाबालिग पिड़ित दिव्यांग गर्भवती किशोरी को उसकी जिंदगी में जीवन यापन हेतु मदद मिलेगी। उन्होंने उपायुक्त चाईबासा और पुलिस अधीक्षक चाईबासा से मांग किया है कि दोषी व्यक्ति को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट पर सुनवाई करके जल्द से जल्द सजा सुनिश्चित कराएं।