राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के देश के प्रति उनके बलिदानों को किया याद_
आज वचन लेना है कि देश और राष्ट्र के निर्माण में अपनी सहभागिता निभाएंगे: मुखिया सरोज देवी
हजारीबाग। सिंदूर पंचायत सचिवालय में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती एवं लाल बहादुर शास्त्री का जयंती मनाया गया। इस अवसर पर सिंदूर मुखिया सरोज देवी, मुखिया प्रतिनिधि कृष्णा प्रसाद सहित सिंदूर पंचायत के समाजसेवी और पंचायत क्षेत्र के बुद्धिजीवियों सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। सिंदूर मुखिया सरोज देवी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के देश के प्रति उनके बलिदानों को याद करते हुए कहा कि देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ निछावर करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर हम सभी को आज यह वचन लेना है कि देश और राष्ट्र के निर्माण में अपनी सहभागिता निभाएंगे।
पंचायत क्षेत्र को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए हम सभी पूरी एकजुटता के साथ काम करेंगे। गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजाद कराया मगर आजादी के सही मायने तभी होंगे जब हम उनके बताए मार्ग पर चलते हुए देश को समृद्ध राष्ट्र बनाएंगे असल मायने में यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुखिया प्रतिनिधि कृष्णा प्रसाद ने कहा कि आज देश आजाद हुआ उसमें महात्मा गांधी का अहम किरदार था उनके त्याग और बलिदान के बगैर आज हम आजादी की परिकल्पना भी नहीं कर सकते थे।
हमें जो आजादी मिली है उसे हम संभाल कर रखने का काम करेंगे देश के प्रति त्याग और बलिदान की भावना को सच्चे मन से निभाते हुए राष्ट्र के निर्माण में अपना सहयोग देंगे पंचायत क्षेत्र में विकास के कार्यों को अंतिम पायदान तक पहुंचाने के लिए हम लगातार प्रयासरत हैं ऐसे में सभी ग्रामीणों की भागीदारी भी सुनिश्चित होनी चाहिए आप सभी ग्रामीणों के सहयोग के बगैर हम किसी भी विकास कार्य को अधूरा ही समझेंगे। सभी की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए पंचायत क्षेत्र के चहुंमुखी विकास और खुशहाली के लिए कहा कि हम एक समृद्ध राष्ट्र की परिकल्पना तभी कर सकते हैं जब गांव का विकास होगा गांवों के विकास के बगैर किसी भी राष्ट्र के समृद्धि की परिकल्पना नहीं की जा सकती।
देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी ग्रामीणों का यह दायित्व बनता है कि हमें अपने पंचायत को समृद्ध बनाना है उसके लिए ज्यादा से ज्यादा योजनाओं को पंचायत क्षेत्र में लागू कर विकास की गंगा बहानी है इसमें सभी ग्रामीणों का सहयोग आवश्यक होगा जब गांव का विकास होगा तभी राष्ट्र का विकास होगा और जब राष्ट्र का विकास होगा और समृद्ध राष्ट्र बनेगा तभी जाकर सच्चे मायने में गांधी जी के सपनों को साकार किया जा सकता है और उनको सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।