नई दिल्ली ,19 मई (आरएनएस)। भारतीय नौसेना की छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘वाघशीर’ ने अपनी पहली समुद्री उड़ान पर निकली जोकि हर भारतीय के लिए खुशी की बात है। वाघशीर वास्तव में एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है जो प्रोजेक्ट 75 के तहत विकसित की जा रही है। यह कलवरी-क्लास की पनडुब्बी है और भारतीय नौसेना के लिए तैयार की जा रही है।
इस पनडुब्बी की डिलीवरी की योजना भारतीय नौसेना को 2024 की शुरुआत में होने की थी, जिसके बाद इसका उपयोग भारतीय नौसेना द्वारा किया जाएगा। इस पनडुब्बी में प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर जैसे विभिन्न प्रणालियाँ होंगी, जिनके गहन परीक्षण समुद्र में किए जाएंगे।
यह प्रोजेक्ट भारत की आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।वाघशीर पनडुब्बी को 20 अप्रैल 2022 को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से लॉन्च किया गया है। और उसके बाद, इसने 18 मई 2023 को अपना पहला समुद्री परीक्षण शुरू किया है। इस परीक्षण के दौरान, वाघशीर पनडुब्बी की सभी प्रणालियों को गहनता से परीक्षण किया जाएगा, जिसमें प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर शामिल होंगे। यह परीक्षण उनकी क्षमताओं की मंज़ूरी करेगा और भारतीय नौसेना को संगठनित रूप से यह पनडुब्बी उपयोग करने की अनुमति देगा।वाघशीर की डिलीवरी की योजना है कि यह 2024 की शुरुआत में भारतीय नौसेना को होने की उम्मीद है।
यह प्रोजेक्ट 75 के तहत विकसित होने वाली तीन पनडुब्बियों में से एक है। इसका मकसद भारत को आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम प्रदान करना है। वाघशीर नौसेना की क्षमता को मजबूत करने और सुरक्षा में मदद करने के लिए नवीनतम तकनीक और युद्ध उपकरणों के साथ लैस होगी।