आईलेक्स पब्लिक स्कूल के बच्चों ने हज़ारीबाग, राजगीर और गया में किया शैक्षणिक भ्रमण

बरही संवाददाता शोएब अख्तर : बरही पंचमाधव में स्थित आईलेक्स पब्लिक स्कूल के द्वारा बच्चों के लिए शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया था। जिसमें बच्चों को हज़ारीबाग, बोध – गया, राजगीर ले जाया गया। आईलेक्स का मानना है कि ज्ञान केवल किताबों में ही नहीं बल्कि हमारे आसपास भी फैला हुआ है एक विद्यार्थी होने के नाते प्रत्येक छात्र को संपूर्ण शिक्षा के लिए अपने आसपास के वातावरण उसके इतिहास भौगोलिक स्थिति की भी जानकारी होनी चाहिए। प्रत्येक क्षेत्र का अपना एक इतिहास है जो कि अपने में ही संपूर्ण ज्ञान को समेटे हुए हैं। समय-समय पर हमें इस ज्ञान से अभिभूत होना ही प्रत्येक छात्र का कर्तव्य है। इसी कर्तव्य पालन की दृष्टि से आईलेक्स के द्वारा समय-समय पर बच्चों के लिए शैक्षणिक भ्रमण की व्यवस्था की जाती है। इसी के तहत इस बार बच्चों को हजारीबाग मैं डेमोटांड़ शहीद निर्मल पार्क झील एरिया नेशनल पार्क ले जाया गया। वहीं दूसरी ओर बच्चों को राजगीर नालंदा बोधगया जैसी ऐतिहासिक जगहों पर ले जाया गया। बच्चों को उनकी कक्षा उम्र के हिसाब से ग्रुप में बांटा गया नर्सरी से लेकर कक्षा 3 तक के बच्चों को हजारीबाग तथा उसके आसपास के क्षेत्रों के भ्रमण के लिए ले जाया गया। वहीं दूसरी ओर कक्षा चार से कक्षा दसवीं तक के बच्चों को राजगीर नालंदा और बोधगया के शैक्षणिक भ्रमण पर ले जाया गया। हजारीबाग जाने वाले ग्रुप में लगभग 350 बच्चों ने हिस्सा लिया तथा राजगीर वाले ग्रुप में लगभग 285 बच्चों ने हिस्सा लिया। साथ ही विभिन्न शिक्षकों की टीम ने बच्चों का नेतृत्व किया। शहीद निर्मल पार्क में बच्चों ने झूले का भरपूर लुफ्त उठाया वही डायनासोर को देखकर बच्चे आश्चर्यचकित होने लगे। डेमोटांड़ में सुंदर सुंदर फूलों की क्यारियां देखकर छोटे-छोटे बच्चों के चेहरे भी फूल से खिल उठे। झील एरिया में भी बच्चों ने भरपूर आनंद उठाया दूसरी ओर राजगीर बोधगया और नालंदा गए बच्चों ने वहां के इतिहास के बारे में भरपूर जानकारी ली। समय-समय पर शिक्षकों द्वारा भी उन्हें वहां के इतिहास के बारे में विशेष जानकारी दी गई साथ ही वहां की भौगोलिक स्थिति की भी जानकारी उन्हें दी गई। बोधगया के महानिर्वाण वृक्ष के दर्शन कर बच्चे अभिभूत हो उठे। राजगीर के लिए बच्चे आईलेक्स पब्लिक स्कूल से सुबह 4 बजे राजगीर के लिए निकले थे। बच्चों में एक अलग ही उत्साह देखते बन रहा था ठंड के बावजूद भी बच्चों के जोश में कोई कमी न थी। विद्यालय के निदेशक शैलेश कुमार ने बच्चों को बताया कि एक विद्यार्थी के लिए जरूरी है कि वह सिर्फ किताबों तक ही सीमित ना रहे बल्कि प्रकृति के द्वारा दिए गए ज्ञान को भी अर्जित करें। हमारे आस पास कितने ही ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें ना जाने कितने ही इतिहासकारों ने उस पर रचना की है। तो अगर हमें मौका मिलता है तो हम इस ज्ञान अर्जन से पीछे क्यों रहें।

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