_*मधुपुर संवादाता- मो० अमजद हुसैन*_
मधुपुर 3 दिसंबर: पीरे तरीकत शेख अलमसायक हजरत सूफी शाह हाजी गुलाम मोहम्मद अहिया के चेहल्लुम को लेकर मधुपुर लखना मोहल्ला में एक शानदार जश्ने फैजाने अयोबीया मिलादुन्नबी की महफिल हाजी मोहम्मद इलियास अयूबी की अध्यक्षता में आयोजन की गई जिसकी संचालन अनवर जिलानी बरकाती ने की इस महफिल में काफी तादाद में उलमा ए कराम और शायरों ने शिरकत की जिसमें पीरे तरीकत अब्दुल हन्नान अयूबी,अंवरुलाह हक बरकाती, हजरत मौलाना हाफिज व कारी हाजी नैमतुल्लाह अयूबी, मौलाना नूरुद्दीन रिजवी ,मौलाना फहीमुद्दीन मिस्बाही, मौलाना जमील अख्तर ,मौलाना मुबस्सिर इस्लाम ,ने अपनी अपनी नूरानी बयानात से उपस्थित लोगों को संबोधित किया जिन शायरों ने अपनी अपनी सुनहरी आवाज से उपस्थित लोगों को आधी रात तक समेटे रखा वह है इंटरनेशनल शायर हाजी हबीबुल्लाह फैजी, अजीम सादाब ,राशिद जया नईमी, गुफरान अयूबी, सफदर अयूबी ,काशिफ अयूबी शामिल है इस मौके पर हजरत मौलाना नेमतुल्लाह ने अपने तकरीर में कहा मरहूम शेख अल मसायक हजरत सूफी शाह गुलाम मोहम्मद अहिया हमारे बीच नहीं है मगर उनकी रूहानी बयानात व करामात हमारे बीच ताजा है! उन्होंने कहा शेख अयूब अली रहमा कि जाते अकदस अल्लाह ताला का बहुत बड़ा इनाम थी और अल्लाह ताला अपने जिन महबूब बंदू के सदका मैं दुनिया वालों पर रहमते नाजिल फरमाता है उनमें अय्यूब अली रहमा बहुत रफीकुल शान है! हजरत अपनी जिंदगी इस्लाम के सांचे में डाली और मोहदाना नेकियत में अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी रूहानियत हक अगाही और मार्फत अगाही से अनगिनत चिराग रोशन की जिनके फैज से बहके लोग इस दौलत से मालामाल हुए जो सदा रोशन रहेगी!* वही पीरे तरीकत हजरत सूफी शाह अब्दुल हन्नान ने फरमाया के अमन इंसाफ और सलामती का पैगाम देने वाला मजहब मजहबे इस्लाम है इस्लाम दर हकीकत इंसानियत का ईलंबरदार है जो आपसी मोहब्बत और बाहमी मसावात चाहता है यही हमारे नेक बुजुर्गों का भी पैगाम था! इसके अलावा कई उलमा ने अपने ख्यालात जाहिर किया महफिल सलातो सलाम के बाद मुल्क के लिए अमन शांति के लिए दुआएं की गई!