न्यायालय द्वारा मेरे खिलाफ वारंट जारी करना, कुर्की जब्त और चुनाव प्रचार में रोक लगाने से मर्माहत हूं : धान 

न्यायालय द्वारा मेरे खिलाफ वारंट जारी करना, कुर्की जब्त और चुनाव प्रचार में रोक लगाने से मर्माहत हूं : धान

रांची : मैंने आदिवासियों की लड़ाई लड़ी है. मैंने झारखंडवासियों की लड़ाई लड़ी है. और इस लड़ाई में मैंने वीर बुधु भगत स्मारक की 51 एकड़ 50 डिसमिल जमीन को नीलाम होने से बचाया है. बंधु तिर्की द्वारा वीर बुधु भगत स्मारक की 51 एकड़ 50 डिसमिल जमीन पर एकलव्य विद्यालय के निर्माण कर क्रांतिकारी वीर बुधु भगत के अस्तित्व को मिटाने की कौशिश नाकाम किया हूं. और इस लड़ाई के दौरान मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में वर्षों तक मेरे ऊपर कोई वारंट जारी नहीं किया गया. लेकिन अचानक चुनाव के दौरान वारंट जारी कर मुझे परेशान करने की कोशिश की गई है. यह बातें मांडर विधानसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के समर्पित निर्दलीय प्रत्याशी देव कुमार धान कहां. उन्होंने कहा कि न्यायालय से सभी को उम्मीदें होती हैं. लेकिन न्यायालय ने खिलाफ चुनाव के दौरान वारंट जारी किया है. इसके अलावा कुर्की जब्ती का भी आदेश निकाल दिया गया है. इस वारंट और कुर्की जब्ती के कारण में पूरे चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से नहीं मिल पाया. इस घटना से मैं काफी मर्माहत हूं. श्री धान ने कहां कि भारत में हक अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए अब कोई जगह नहीं रह गई है. क्या आंदोलन करना अब गलत होता जा रहा है. मैंने 6 माह तक झारखंड की हजारों जनता के साथ वीर बुधु भगत स्मारक की 51 एकड़ 50 डिसमिल जमीन को बचाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. और इस लड़ाई में साजिश के तहत मेरे ऊपर मुकदमा दायर किया गया. जो न्याय संगत नहीं है. इस मामले में न्यायालय में मामला चल रहा है. और अचानक चुनाव के बीच मेरे ऊपर वारंट जारी करना पूरी तरह से चुनाव को प्रभावित करना है. मुझे न्यायालय से न्याय चाहिए.

 

 

झारखंड सरकार चुनाव से अधिक प्रत्याशियों को तंग करने में लगी है: धान

 

 

धान ने कहा कि झारखंड सरकार हिटलर शाही में उतर चुकी है, उनका काम अब चुनाव प्रचार से अधिक प्रत्याशियों को तंग करना रह गया है. पूरी सरकार येन केन प्रकारेण मुझे तंग करने में जुट गई है. एआईएमआईएम के प्रमुख बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने पहली बार झारखंड की धरती पर किसी निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए मांडर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट पर तंग किया गया. होटल में ठहरने से रोका गया. उनका दो दिवसीय झारखंड दौरा को 2 घंटे में समेटना पड़ा. मुझे मंच तक जाने से रोका गया. हजारों की संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती मेरे गिरफ्तारी के लिए लगाई गई. जबकि चुनाव के दौरान प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार करने से रोका गया. यह न्याय संगत नहीं है. चुनाव के बाद मेरे ऊपर वारंट जारी होता तो मुझे इतना दुख नहीं होता जितना मैं इस पीड़ा से अभी मर्माहत हूं. एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी साहब ने मेरे पक्ष में प्रचार करके मुझे कर्जदार बना दिया है. मैं ओवैसी साहब को एक बार आश्वस्त करना चाहता हूं कि एआईएमआईएम अब हमारा अंतिम राजनीतिक घर होगा. क्योंकि लोग अफवाह यह उड़ा रहे हैं कि देव कुमार धान कई बार राजनीतिक पार्टियां बदल चुके हैं. लेकिन लोगों को यह भी मालूम है कि देव कुमार धान हमेशा मांडर की जनता के साथ खड़े रहे हैं. पार्टी बदलना राजनीतिक परिस्थितियां हो सकती है, लेकिन हमने क्षेत्र कभी नहीं बदला है. इससे यह स्पष्ट होता है कि हमारा लगाव मांडर की जनता से वर्षो से हैं.

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