पंकज कुमार श्रीवास्तव
‘मैं लड़की हूं,लड़ सकती हूं’यानि कि महिला सशक्तिकरण की चर्चाओं के बीच यह याद करना प्रासंगिक है कि वह मुल्क की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही हैं।3दिसंबर,1971को भारत-पाक युद्ध छिड़ने पर इंदिराजी ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था।जानें,क्या कहा था इंदिरा गांधी ने…
मैं आप सभी से ऐसे वक्त में बात कर रही हूं,जब देश और हमारे लोग एक बड़ी आपदा से गुजर रहे हैं।कुछ घंटों पहले ही 5:30बजे शाम को पाकिस्तान ने हमारे खिलाफ पूर्ण युद्ध की शुरुआत कर दी है। पाकिस्तान एयरफोर्स ने अचानक हमारे अमृतसर, पठानकोट,श्रीनगर,अवंतिपुर,उत्तरलाई,जोधपुर,अंबाला और आगरा एयरफील्ड्स पर हमले किए हैं।इसके अलावा उनकी थल सेना सुलेमानखी,खेमकरण,पुंछ और अन्य सेक्टर्स में गोलीबारी कर रही है।’
हम पर युद्ध थोपा गया,जंग ही एकमात्र विकल्प
पिछले साल मार्च से ही हम पूरी दुनिया से इस मसले के शांतिपूर्ण समाधान की अपील कर रही हैं। हमारी यही मांग है कि उन लोगों के अधिकार दिए जाएं,जो सिर्फ लोकतंत्र में अपनी उपस्थिति चाहते हैं। उनका इतना ही अपराध है कि उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से वोट किया था।आज बांग्लादेश में चल रहा युद्ध भारत का युद्ध बन गया है।यह युद्ध मुझ पर, मेरी सरकार और देश के लोगों पर थोपा गया है। हमारे पास देश को युद्ध में ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। हमारे बहादुर अफसर और सैनिक चौकियों पर हैं और देश की रक्षा को आगे बढ़ रहे हैं।पूरे देश में आपातकाल घोषित किया जाता है।हर जरूरी कदम उठाया जा रहा है और हम किसी भी चीज के लिए तैयार हैं।’
हमें लंबे समय तक संघर्ष और त्याग के लिए तैयार रहना होगा।हम शांति पसंद लोग हैं,लेकिन हम जानते हैं कि जब तक आप अपनी स्वतंत्रता,लोकतंत्र और जिंदगी की सुरक्षा नहीं कर पाते,तब तक शांति नहीं रह सकती।इसलिए आज हमें न सिर्फ अपनी अखंडता के लिए लड़ना है,बल्कि अपने मूलभूत आदर्शों को मजबूती देने के लिए लड़ना है।