प्रतिनिधि द्वारा
मनुष्य अगर निरंतर मेहनत करते रहे तो उम्र किसी की भी प्रतिभा को निखारने में कभी भी बाधक नहीं बन सकता है. प्रतिभा की पहचान उम्र से नहीं किया जा सकता है.इसे सेल महाप्रबंधक बोलनी सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ टी सोरेन एवं बोलनी चिकित्सालय दन्त चिकित्सक डॉ माया मांझी की 22 वर्षीया सुपुत्री सदैव मेहनतरत रहने वाली छात्रा सपना सोरेन ने 19 वर्ष की उम्र में साबित कर दिखाया है. स्वरचित संग्रहित 80 कविताओं की, ‘ ऑफ मैरिड माइंडस ‘ नामक पुस्तक को प्रकाशित कर सपना ने एक अच्छी ख्याति अर्जित कर ली है. नॉटिंघम की ट्रेंट यूनिवर्सिटी से चार वर्षों की डाटा साइंस कोर्स कर चुकी सपना सोरेन बताया कि पूर्व में अंतरराष्ट्रीय स्कूल भुवनेश्वर की ओर से, दादा साहेब फाल्के अवार्ड से नई दिल्ली में सम्मानित की जा चुकी है. अल्पायु में ही उसे यूनाइटेड किंगडम, दुबई, यूएसए एवं थाईलैंड की यात्रा कर अध्ययन प्राप्त करने का अवसर मिल चुका है. छात्रा सपना सोरेन को पढ़ने के अतिरिक्त गाना सुनने में विशेष आनंद रखती है.सपना सोरेन ने क्लास दसवीं बोर्ड साईं इंटरनेशनल स्कूल भुवनेश्वर से 10 सीजीपीए (95 प्रतिशत) से, क्लास बारहवीं बोर्ड उसी स्कूल 91.7 प्रतिशत से करने के बाद तत्पश्चात 2021 में डाटा साइंस डिग्री नॉटिंघम की ट्रेंट यूनिवर्सिटी, विदेश जाकर हांसिल की.आगे स्नातकोत्तर मास्टर डिग्री फाइनेंसियल डाटा साइंस, यूनाइटेड किंगडम से करने की ओर अग्रसर है. वो अपने जीवन में सर्टिफाइड फाइनेंसियल एनालिस्ट के साथ डाटा साइंटिस्ट के रूप में भारत देश की सेवा करना चाहती है.छात्रा सपना सोरेन की सफलता पिता सेल महाप्रबंधक बोलनी सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ टी सोरेन एवं माता दन्त चिकित्सक डॉ माया मांझी ने कहा कि बच्चों के पढ़ाई के प्रति शुरू से ही वे समर्पित रहे एवं उनके प्रयास व अच्छे मार्गदर्शन से पुत्री सपना सोरेन शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी एवं प्रखरता से यूनाइटेड किंगडम से अच्छी शिक्षा हासिल कर सकी है.उल्लेखनीय है कि संथाली समाज की सबसे पहली छात्र, सपना सोरेन है जिसने डाटा साइंस अध्ययन करने के लिए नॉटिंघम की ट्रेंट यूनिवर्सिटी जाने का अवसर मिला। संथाली समाज को गौरवान्वित करने वाले छात्रा सपना की प्रतिभा से बोलनी के लोगो को गर्व है.दर्जनों ने छात्रा को बधाई दे हर्ष जताया है।