पटना: लोकसभा चुनाव के परिणाम चौकानेवाले ही नहीं यह राज्य के विधानसभाओं के भी ताजा जनादेश हैं. यह ऐसा चुनाव परिणाम है जिसमें राजद सहित अन्य विपक्ष के जीते हुए विधायक अपने ही विधानसभा में जनता द्वारा नकार दिये गये हैं. चुनाव आयोग द्वारा जारी ताजा आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि लोकसभा चुनाव में बिहार विधानसभा के 243 सीटों में 225 विधानसभा क्षेत्र में एनडीए आगे रहा है. महागठबंधन के दिग्गज नेताओं को उनके प्रभुत्व वाले इलाके में भी एनडीए की तुलना में कम वोट मिले. लोकसभा चुनाव के वोट को आधार माना जाये तो अगले विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन को जोर का झटका लग सकता है.
आठ विधानसभा क्षेत्रों में ही राजद को है एनडीए से बढ़त: राजद को विधानसभा 2015 के चुनाव में कुल 81 सीटें हासिल हुई थी. वर्तमान लोकसभा चुनाव परिणाम के आंकड़े बता रहे हैं कि सिर्फ राजद को आठ विधानसभा क्षेत्रों में ही एनडीए प्रत्याशियों से अधिक मत प्राप्त हुए. विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने राजद के प्रत्याशी को एनडीए प्रत्याशी से महज 242 मतों की बढ़त देकर उनकी लाज बचा ली. उधर उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव के विधानसभा क्षेत्र महुआ में एनडीए के प्रत्याशी को अधिक मत मिला है.
स्थिति तो यहां तक आ पहुंची कि राजद के दरभंगा लोकसभा के प्रत्याशी व अलीनगर के विधायक अब्दुलबारी सिद्दीकी अपनी ही विधानसभा में एनडीए प्रत्याशी से अधिक मत नहीं ला सके. इसी तरह की स्थिति सारण लोकसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी चंद्रिका राय परसा विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी से कम मत प्राप्त कर सके. हाजीपुर से राजद के प्रत्याशी व राजापाकर के विधायक शिवचंद्र राम भी अपने विधानसभा क्षेत्र में लोजपा प्रत्याशी पशुपति कुमार पारस के सामने नहीं टिक सके. राजद के लिए तो यह कांग्रेस के विधायकों के क्षेत्र की तीन विधानसभा क्षेत्रों को छोड़ दिया जाये तो बाकी 24 विधानसभा क्षेत्रों में जनता ने महागठबंधन को नकार दिया है.
पीछे: वर्तमान 73 विधायकों के क्षेत्र में एनडीए से कम वोट मिला महागठबंधन प्रत्याशियों को.
आगे: आठ विधायकों (बायसी, राघोपुर, मनेर, मसौढ़ी, पालीगंज, जहानाबाद, मखदुमपुर, जोकीहाट) के क्षेत्र में महागठबंधन प्रत्याशियों को अधिक मत मिले.
किस विस क्षेत्र में महागठबंधन रहा आगे और कहां रहा पीछे
नरकटिया (पीछे), हरसिद्धि (पीछे), केसरिया (पीछे), ढाका (पीछे), सुरसंड (पीछे), सीतामढ़ी (पीछे), रून्नीसैदपुर (पीछे), खजौली(पीछे), बिस्फी (पीछे) , मधुबनी(पीछे), झंझारपुर (पीछे), पिपरा(पीछे), नरपतगंज (पीछे), बायसी (आगे) , बरारी (पीछे), मधेपुरा (पीछे) , सहरसा (पीछे) , महिषी (पीछे), अलीनगर (पीछे), दरभंगा ग्रामीण (पीछे), बहादुरपुर (पीछे), केवटी (पीछे) , गायघाट (पीछे), औराई (पीछे), मीनापुर (पीछे), सकरा (पीछे) , बरूराज (पीछे) , साहेबगंज (पीछे) , बरौली(पीछे), रघुनाथपुर (पीछे), गोरियाकोठी (पीछे), बनियापुर (पीछे), तरैया (पीछे) , मढ़ौरा (पीछे) , गरखा (पीछे), परसा (पीछे), सोनपुर (पीछे), महुआ (पीछे), राजापाकर(पीछे), राघोपुर (आगे), पातेपुर (पीछे), समस्तीपुर (पीछे), उजियारपुर (पीछे), मोहिउद्दीननगर(पीछे), तेघड़ा (पीछे), साहेबपुर कमाल(पीछे), बखरी (पीछे), अलौली(पीछे), बिहपुर (पीछे), पीरपैंती(पीछे), कोटिरिया (पीछे), मुंगेर (पीछे), सूर्यगढ़ा (पीछे), हिलसा(पीछे), फतुहां (पीछे), मनेर(आगे), मसौढ़ी (आगे), पालीगंज (आगे), संदेश (पीछे), बड़हरा (पीछे), आरा (पीछे), जगदीशपुर (पीछे), शाहपुर (पीछे), ब्रह्मपुर (पीछे), सासाराम (पीछे), नोखा(पीछे), डिहरी (पीछे), काराकाट (पीछे), अरवल (पीछे), जहानाबाद (आगे), मखदुमपुर (आगे), ओबरा (पीछे), बाराचट्टी (पीछे), बोधगया (पीछे), बेलागंज (पीछे), अतरी (पीछे), रजौली (पीछे), नवादा (पीछे), जमुई (पीछे), चकाई (पीछे)और जोकीहाट (आगे) की सीट.