News Agency : बिहार की राजनीति में पिछले कुछ वर्षों के दौरान अपराधी से नेता बनने वाले लोगों का काला साया भले ही धुंधला पड़ गया हो, लेकिन मुंगेर में यह साया अब भी मंडराता दिखाई दे रहा है. इस सीट पर कई आपराधिक मामलों में आरोपी और विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं जिनका मुकाबला जेडीयू के ललन सिंह से है. इस सीट पर चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को वोटिंग होनी है. नतीजे 23 मई को आएंगे.
राजनीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी ललन सिंह पसंदीदा उम्मीदवार होना चाहिये, लेकिन भूमिहारों के बीच अनंत सिंह का दबदबा है. भूमिहारों को जेडीयू की सहयोगी बीजेपी के ठोस वोटबैंक के तौर पर देखा जाता है, जो इस बार पारंपरिक राजनीतिक समीकरणों को चुनौती दे सकते हैं.
अपनी पत्नी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर रहे तीन बार से विधायक अनंत अपने प्रतिद्वंद्वी पर घमंडी और पहुंच से बाहर होने का आरोप लगाते हुए अक्सर मतदाताओं से कहते हैं कि वह उनके लिये हमेशा हाजिर हैं और उनके काम करते रहे हैं. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के कई शीर्ष नेता अपने मतदाताओं को एकजुट करने और स्थानीय कारकों का प्रभाव चुनाव में अपनी संभावनाओं पर पड़ने से रोकने के लिये इस सीट पर कई रैलियां कर चुके हैं. रैलियों में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांगे.
मुंगेर में दोनों मुख्य उम्मीदवार भूमिहार जाति से हैं. यहां इस जाति के लोगों की अच्छी खासी तादाद है. आरजेडी और आरएलएसपी के समर्थन से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं नीलम देवी को अपने पति की प्रतिनिधि के रूप में देखा जाता है.
जेडीयू के नेता नीरज कुमार का मानना है कि विपक्ष की चाल मुंगेर में कामयाब नहीं हो पाएगी. उन्होंने कहा कि लोग मोदी और नीतीश कुमार के नाम पर वोट देंगे. नीरज ने याद दिलाया कि 2014 के चुनाव में कांग्रेस-आरजेजी उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहा था.
संयोगवश, 2014 के चुनाव में भी जेडीयू के ललन सिंह का मुकाबला बीजेपी के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी की उम्मीदवार वीणा देवी से हुआ था जो डॉन से नेता बने सूरजभान की पत्नी हैं. ललन को वीणा के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था. हालांकि जेडीयू और बीजेपी ने पिछला चुनाव अलग अलग लड़ा था, लेकिन इस बार दोनों दल गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं.
एक ग्रामीण ने पीटीआई-भाषा से कहा, “भूमिहार बड़ी संख्या में जेडीयू को वोट देंगे क्योंकि वे नरेन्द्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं लेकिन अनंत सिंह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं जो ललन सिंह की तुलना में हमारी ज्यादा मदद करते हैं. हर गांव में भूमिहारों का एक वर्ग उन्हें वोट देगा लेकिन ज्यादातर मतदाता मोदी और बीजेपी के चलते जेडीयू का समर्थन करेंगे.” मुंगेर में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पार्टी के यादव वोट बैंक को साधते दिख रहे हैं.
तेजस्वी ने यहां अपनी जनसभा में नीलम देवी के लिये अपने समर्थकों को एकजुट करने के मकसद से लालू प्रसाद यादव के जेल में होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लालू को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने से रोकने के लिये साजिश रची है. उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव लोकतंत्र को बचाने के लिये है. हालांकि तेजस्वी, अनंत सिंह के साथ मंच साझा करने से बचते दिख रहे हैं, जो हत्या समेत कई संगीन आपराधिक मामलों से जुड़े हैं.
एनडीए के नेताओं का मानना है कि इस सीट का सामाजिक तानाबाना उनके गठबंधन के अनुकूल है और मोदी और नीतीश कुमार की छवि 29 अप्रैल को यहां होने वाले चुनाव में ललन सिंह की जीत की संभावनाओं को और मजबूत करेगी. गौरतलब है कि अनंत सिंह का जेडीयू के साथ करीब एक दशक पुराना रिश्ता 2015 में तब खत्म हो गया जब नीतीश ने लालू प्रसाद के साथ संबंधों के चलते अनंत के खिलाफ पुलिस कार्रवाई तेज कर दी थी.
मुंगेर में 2014 के लोकसभा चुनाव में वीना देवी को 3 लाख 52 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, वहीं जेडीयू उम्मीदवार को 2 लाख 43 हजार वोट मिले थे. आरजेडी उम्मीदवार प्रगति मेहता तीसरे स्थान पर रही थीं.