कांग्रेस का यह दांव पड़ेगा सब पर भारी

Congress will bet on this

आलोक कौशिक,

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के वायनाड में चुनाव लड़ने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि कांग्रेस का अब पूरा फोक दक्षिण के राज्यों में पैठ बनाने की है क्योंकि उत्तर भारत में उसे क्षेत्रीय दलों जैसे उत्तर प्रदेश में सप-बसपा और बिहार में आरजेडी सहित कई अन्य पार्टियां तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में टीएमसी और ओडिशा में बीजू जनता दल से पार पाना इतना आसान नहीं होगा और उसे इन राज्यों में बीजेपी के साथ-साथ इन पार्टियों के बराबर वोटबैंक बढ़ाना होगा जो कि इतना आसान नहीं है। लेकिन दक्षिण की राजनीति में उसे संभवाना दिख रही है। कर्नाटक की twenty eight, आंध्र प्रदेश की twenty five, केरल की 20, तेलंगाना की seventeen, पुदुच्चेरी की one, तमिलनाडु की thirty-nine सीटें मिलाकर यहां पर कुल a hundred thirty सीटे हैं.

कांग्रेस की नजर अब इन सीटों पर है। यहां एक बार और गौर करने लायक है। कांग्रेस के अंदर केरल की लॉबी एक बार फिर मजबूत होती दिख रही है और केसी वेणुगोपाल इस समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हमेशा देखे जा सकते हैं। केरल में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के गठबंधन का वामदलों से सीधा मुकाबला है और वायनाड सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। दूसरी ओर दक्षिण के राज्यों में खासकर तमिलनाडु में जयललिता और करुणानिधि के बाद अब ऐसा कोई करिश्माई नेता नहीं दिख रहा है जो अकेले दम पर क्लीन स्वीप कर सकता हो। करुणानिधि के परिवार में ही आपस में गहरे मतभेद हैं तो दूसरी जयललिता की पार्टी एआईएडीमके भी गुटों में बंटी हुई जिस पर बीजेपी का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

आंध्र प्रदेश में भी कुछ दिन पहले तक एनडीए में शामिल रहे टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने भले ही विशेष राज्य के दर्जे के नाम पर समर्थन वापस ले लिया हो लेकिन वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी भी वहां एक बड़ी ताकत बनकर उभर रहे हैं और बीजेपी भी राज्य में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। आंध्र प्रदेश कांग्रेस का पुराना गढ़ रहा है लेकिन क्षत्रपों के मजबूत होने से कांग्रेस का नुकसान हुआ हैअब कांग्रेस की कोशिश है कि इस राज्य में वह पुराना रुतबा हासिल कर ले। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को twenty two सीटें पाकर चौथे नंबर पर रही थी। जबकि कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी वाईएसआर कांग्रेस seventy सीटें जीतकर दूसरे नंबर रही थी।

राहुल गांधी पहले विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कह चुके हैं। फिलहाल देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस आंध्र प्रदेश में कितनी सीटें पाती है। बात करें तेलंगाना की वहां अभी टीआरएस का ही सिक्का चल रहा है। विधानसभा चुनाव में टीआरएसस ने यहां क्लीन स्वीप करते हुए eighty eight सीटें जीती थीं और कांग्रेस nineteen सीटें पाकर दूसरे नंबर पर थी। कांग्रेस तेलंगाना में बड़ी संभावनाएं देख रही है। यही वजह है कांग्रेस आलाकमान अब दक्षिण के राज्यों में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।

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