चुनाव लोकसभा का है लेकिन परीक्षा भाजपा के विधायकों की है। भाजपा ने अपने विधायकों को दो टूक अल्टीमेटम दिया है कि यदि उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी को कम वोट मिलते हैं तो उनका टिकट कटना तय है। रविवार को लोकसभा प्रभारियों, जिलाध्यक्षों और विधायकों के साथ हुई अलग-अलग बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बाबत टास्क सौंपा।
विधायकों से स्पष्ट कहा कि पिछले चुनाव में आपको जितने वोट मिले थे उससे दस हजार अधिक वोट लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि वे इस चुनाव को अपने चुनाव की तैयारियों के रूप में लें। कहा, छह माह बाद आप सभी के चुनाव हैं। बहुत से विधायक वापस लौटकर नहीं आते। उन्होंने इशारों में यह स्पष्ट कर दिया कि जिस विधायक के क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को कम वोट मिलेंगे, उसका टिकट कटना तय है।
इससे पूर्व लोकसभा प्रभारियों और जिलाध्यक्ष की बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारियों को क्षेत्र में कैंप करने का निर्देश दिया। कहा, बूथ पर विशेष फोकस करें। सहयोगी दलों से समन्वय बनाकर चुनाव की रणनीति तैयार करें। सीएम ने स्पष्ट कहा कि इस चुनाव की चुनौती की बाधा को हमें हर हाल में पार करना है। बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा प्रभारी एवं विधानसभा संयोजक बैठक कर संरचना को दुरुस्त करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की उपलब्धियों के अलावा राज्य सरकार के कामकाज को भी मतदाताओं तक पहुंचाएं। बैठक में संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा, आदित्य साहू, बिरंची नारायण, अशोक भगत, समीर उरांव, बालमुकुंद सहाय, शेखर अग्रवाल, विनय लाल, केदार हाजरा, मनोज सिंह, हरि प्रकाश लाटा, रोहित लाल सिंह, भरत यादव, मनोज मिश्र, दिनेश कुमार, चंद्रशेखर सिंह, अशोक शर्मा, राजमोहन राम, राकेश प्रसाद, उदय सिंहदेव सहित अन्य उपस्थित थे।