कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी कर दिया। उम्मीद के मुताबिक, पार्टी ने इसमें न्यूनतम आय योजना (न्याय) के बारे में विस्तार से बताया है।घोषणापत्र में ये दावा किया गया है कि न्याय योजना आने वाले 10 सालों में देश से गरीबी को खत्म कर देगी। 2030 तक पार्टी ने गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
घोषणापत्र में न्याय योजना की खास बातें
- देश की जनसंख्या के 20 प्रतिशत यानी लगभग 5 करोड़ परिवार, जो कि सबसे गरीब हैं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।
- प्रत्येक परिवार को हर साल 72,000 खाते में दिए जाएंगे।
- कांग्रेस न्याय को केन्द्र और राज्य सरकारों के संयुक्त कार्यक्रम के रूप में लागू करने का इरादा रखती है।
- जहां तक संभव होगा पैसे परिवार की महिला के खाते में जाएंगे, अगर उसके पास बैंक खाता है तो ठीक, अन्यथा नया बैंक खाता खोलना होगा।
- शुरूआत के तीन महीने (0–3) कार्यक्रम को पूरी तरह से डिजाइन किया जायेगा तथा शुरूआती चरण के बाद अगले छः महीने (6–9) कार्यक्रम की योजना, क्रियान्वयन पद्धति और सफलता को जांचा-परखा जायेगा, उसके बाद कार्यक्रम को पूरी तरह शुरू किया जायेगा।
- कांगेस कार्यक्रम को डिजाइन, परीक्षण, शुरू करने और क्रियान्वयन की देखभाल के लिए प्रख्यात अर्थशास्त्रियों, सामाजिक वैज्ञानिकों और सांख्यिकिविदों का एक स्वतंत्र पैनल तैयार करेगी।
- कार्यक्रम की अनुमानित लागत पहले वर्ष में जीडीपी का एक प्रतिशत से कम तथा उसके बाद जीडीपी का दो प्रतिशत से भी कम रहने की उम्मीद है। बाद के वर्षों में भी यह इतनी ही रहेगी।
- जीडीपी के बढ़ने के परिणामस्वरूप अनेक परिवार धीर-धीरे गरीबी के कुचक्र से बाहर निकल जायेंगे। इससे लागत जीडीपी के अनुपात में घट जायेगी।
- न्याय योजना के लिए धन नये राजस्व के स्रोतों और खर्चों में कटौती करके आयेगा। वर्तमान सब्सिडी कार्यक्रम जो कि विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाया गया है,उसे यथावत् रखा जायेगा।