यहां अहमदाबाद में पाटीदारों के स्नेह मिलन सभा आयोजन के मौके पर दो युवकों में झगड़ा गया। आयोजन में मौजूद पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने सतर्कता बरतते हुए यह टकराव रुकवाया। यदि मौके पर हार्दिक नहीं होते तो मामला बिगड़ सकता था।
आधिकारिक रूप से कांग्रेस में शामिल होने के पांच दिन बाद हार्दिक पटेल ने रविवार को अहमदाबाद शहर के गोता इलाके में ‘परिवार स्नेह मिलन’ का आयोजन कराया। जहां पीएएएस (पाटीदार अनामत आंदोलन समिति) द्वारा सूरत के अल्पेश कथीरिया के आउटफिट के बैनर से तस्वीर हटाने को लेकर दो समूहों के बीच टकराव हो गया। यह घटना रात को हुई जब अल्पेश कथिरिया का समर्थन करने वाले पास सदस्यों के एक समूह ने विरोध करना शुरू कर दिया कि सूरत के नेता की तस्वीर को संगठन के बैनर से क्यों हटाया? बात इतनी बढ़ गई कि युवक लड़ाई पर आमदा हो उठे।
सूरत से पीएएएस के नेता जिग्नेश वघासिया ने कहा कि अचानक एक अन्य समूह लाठी और बेसबॉल के बल्ले के साथ दौड़ा और कथीरिया के समर्थकों को पीटना शुरू कर दिया। वाघासिया ने कहा, “हमने पूछा था हार्दिक पटेल सूरत के लाजपोर जेल से कथिरिया की रिहाई का मुद्दा क्यों नहीं उठा रहे हैं। लेकिन अचानक, हार्दिक पटेल के कुछ समर्थक पहुंचे और हमारी पिटाई शुरू कर दी। हमें उनसे बचने के लिए घटनास्थल से भागना पड़ा।”
पटेल और कथीरिया के समर्थकों ने तब कार्यक्रम स्थल में एक-दूसरे की पिटाई शुरू कर दी। एक समूह यह भी पूछता रहा कि पटेल अपने प्रचार के लिए पीएएएस बैनर का इस्तेमाल किया है, जब वह पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके थे। कथीरिया के एक अन्य समर्थक सुन्नु वाघासिया ने कहा, “सूरत के लगभग 50 व्यक्तियों को हार्दिक के समर्थकों ने बुरी तरह से पीटा था।” झड़प की गंभीरता को देखते हुए, हार्दिक पटेल को दो समूहों को शांत करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
हार्दिक पटेल ने सभा में कहा कि मेरे सामने दो विकल्प थे- “भाजपा और कांग्रेस, मैंने कांग्रेस में जाने का फैसला किया क्योंकि मैं भाजपा का चयन नहीं कर सकता, एक ऐसी पार्टी जिसने मुझे 9 महीने तक जेल में रखा और 35 मामलों में मुझे उलझाया है, मेरे उूपर राजद्रोह का केस भी किया है।”