मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद फिर से गोवा की बीजेपी सरकार पर संकट मंडराने लगा है. बीजेपी के सामने अब पर्रिकर की जगह नए नेता की तलाश की चुनौती पैदा हो गई है, क्योंकि कांग्रेस पहले ही राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश कर चुकी है. इसको देखते हुए रविवार रात को ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गोवा पहुंच गए और पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं.
वहीं, रविवार रात नितिन गडकरी के साथ महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (MGP) के नेता सुदिन धवलीकर ने भी बैठक की. धवलीकर ने कहा कि वो अपनी पार्टी के साथ बैठक करने के बाद बताएंगे कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा?
गोवा के मुख्यमंत्री पर्रिकर का रविवार को 63 वर्ष की आयु में निधन हो गया, वह लंबे वक्त से पैन्क्रियाटिक कैंसर से ग्रसित थे. वह गोवा में एक गठबंधन सरकार है, जिसमें बीजेपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय विधायक शामिल हैं. पर्रिकर के निधन के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल बैठकें मौजूदा हालात पर मंथन में जुट गए हैं.
पणजी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की जरुरत होगी. यह गोवा में चौथा उपचुनाव होगा. यहां 23 अप्रैल को शिरोडा, मांडरेम और मापुसा विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. इन सीटों के लिए उपचुनाव राज्य में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ होंगे.
राज्य विधायी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मुख्यमंत्री पर्रिकर के निधन के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को अपना नेता चुनने के बाद राज्यपाल के समक्ष दावा पेश करना होगा, इसमें समर्थन का पत्र भी होगा.’उन्होंने कहा, ‘अगर राज्यपाल मृदुला सिन्हा आश्वस्त नहीं होती हैं तो उन्हें सरकार बनाने के लिए अकेली सबसे बड़ी पार्टी को आमंत्रित करना होगा.’
पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर को 2017 में पणजी से जीतने के बाद गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गई थी. पर्रिकर को विधानसभा पहुंचाने के लिए पणजी विधायक सिद्धार्थ कुनकोलिंकर ने 10 मई 2017 को इस्तीफा दे दिया जिसके बाद उपचुनाव हुआ.
कांग्रेस वर्तमान में 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है जबकि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में बीजेपी के पास 13 विधायक हैं. गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीयों के 3-3 विधायक हैं जबकि एनसीपी का एक विधायक है. इस साल के शुरु में बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा और रविवार को पर्रिकर के निधन तथा पिछले साल कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोपटे के इस्तीफे के कारण सदन का संख्याबल 36 हो गया है.
पर्रिकर के निधन की खबर आने के बाद गठबंधन सहयोगी दलों ने आपात बैठकें बुलाई हैं. विजय सरदेसाई के नेतृत्व वाले गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन विधायक और एमजीपी के तीन विधायक अलग-अलग बैठ कर रहे हैं.