महागठबंधन में फंसा पेच तालमेल के लिए आगे आए कांग्रेस

लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है, लेकिन बिहार में महागठबंधन की पार्टियों में सीटों का बंटवारा अभी तक लटका हुआ है. गठबंधन की पार्टियों के नेता लगातार रांची जाकर जेल में बंद लालू प्रसाद यादव से मुलाकात कर रहे हैं. मगर, उसका कुछ नतीजा नहीं निकल रहा है. क्योंकि सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस आगे नहीं आ रही है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से समझौता करना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस ने कोई फैसला नहीं किया. यूपी में बसपा और सपा के गठबंधन के साथ बातचीत चल रही है, लेकिन बदांयू में सांसद धर्मेन्द्र यादव के खिलाफ कांग्रेस ने उम्मीदवार उतार दिया.

शिवानंद तिवारी ने आजतक से कहा, ‘हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन एनडीए हम लोगों से आगे है. हमारे यहां कौन कहां से लड़ेगा, यह तय नहीं है. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आरजेडी एक साथ चुनाव लड़े थे. लेकिन अब परिवार बड़ा हो गया है. उपेंद्र हमारे साथ हैं, मुकेश साहनी आ गए हैं परिवार थोड़ा बड़ा हो गया. लेफ्ट से अभी बात नहीं हुई है.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसमें कांग्रेस को लीड लेना है. कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है, सरकार बनाना चाहती है. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना चाहती है, हम लोग भी चाहते हैं तो पहले उन्हीं लोगों को तय करना पड़ेगा.

शिवानंद तिवारी ने कहा, ‘हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल दिल्ली में तालमेल के लिए चिल्ला रहे हैं. लेकिन कांग्रेस ने कोई फैसला नहीं किया. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित का कोई बयान नहीं आया. उत्तर प्रदेश में जो हुआ है वो समझ से परे है. बदांयू से सपा के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव के खिलाफ भी कांग्रेस ने उम्मीदवार उतार दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘यह सब तो ठीक करना पड़ेगा. हां इस मामले में हम लोगों से एनडीए थोड़ा आगे है. बीजेपी 22 सीट पर जीती थी और इस बार 17 सीट पर समझौता कर लिया. इसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी को भी इस चुनाव की अहमियत को समझना चाहिए. क्योंकि वो कोशिश करेगी तो यथाशीघ्र बिहार में गठबंधन हो जाएगा.’

कांग्रेस पर देरी के आरोपों से इनकार करते हुए शिवानंद तिवारी ने कहा किह हम आरोप नहीं लगा रहे कि किसकी वजह से देरी हुई. सब लोग लगे हुए हैं और तारीखों का ऐलान हुआ है तो अब फैसला तो करना पड़ेगा.

गौरतलब है कि बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में मतदान होंगे. चुनाव आयोग ने रविवार को इसकी घोषणा की. राज्य में लोकसभा चुनाव के मतदान का पहला चरण 11 अप्रैल को शुरू होगा जबकि सातवां और अंतिम चरण 19 मई को होने वाले मतदान के साथ संपन्न होगा. इन चुनावों में राज्य के कुल 7.06 करोड़ मतदाता 72,723 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. बिहार के 40 लोकसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक मतदाता वाले पटना साहिब में 19 मई को सातवें और आखिरी चरण का मतदान होगा.

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