गुजरात में राधनपुर से कांग्रेस विधायक और ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर भाजपा में शामिल नहीं होंगे। वह कांग्रेस में ही बने रहेंगे। उन्होंने भाजपा में शामिल होने की खबरों को खारिज कर दिया। अल्पेश ने कहा कि वह कांग्रेस को ही समर्थन करते रहेंगे और कांग्रेस में ही रहते हुए अपने लोगों की लड़ाई लड़ेंगे।
इससे पहले कहा जा रहा था कि अल्पेश कांग्रेस से नाराज चल रहे हैं। कहा जा रहा था कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं और उन्हें सीधे गुजरात सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। शनिवार को अल्पेश ने सारी अटकलों पर विराम लगा दिया।
- अल्पेश ठाकोर गुजरात के राधनपुर से कांग्रेस के विधायक हैं।
- अल्पेश ने साल 2011 में क्षत्रिय ठाकुर सेना की स्थापना की थी।
- साल 2016 में उन्होंने अपने समुदाय में शराबबंदी के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया।
- अक्टूबर 2017 तक उनके संगठन के सदस्यों की संख्या 7,00,000 से ज्यादा हो चुकी थी।
2015 में ठाकोर ने गुजरात सरकार से डॉ भीमराव अंबेडकर की मूर्ती बनाने की मांग की थी। उसके एक साल बाद, ठाकोर ने राज्य में अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ एक अभियान का नेतृत्व किया, जहां वर्तमान में भी निषेध लागू है।
2016 में उन्होंने बयान दिया कि मेरी कोई राजनीतिक आकांक्षा नहीं है। उन्होंने कहा था कि न तो मैं चुनाव लड़ूंगा और न ही किसी राजनीतिक पार्टी की सदस्यता लूंगा।हालांकि, गुजरात में चुनाव होने से पहले, ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो गए और अंततः भाजपा की सोलंकी ठाकोर को लगभग 15,000 मतों से हराकर उत्तर गुजरात विधानसभा सीट पर जीत हासिल की।