प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बन रही डॉक्यूमेंट्री में 2002 की गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना फिल्माने के लिए रविवार को एक पुराने रेल कोच में आग लगा दी गई। पश्चिमी रेलवे वडोदरा रेल डिवीजन के प्रवक्ता खेमराज मीणा ने आग लगाने की बात को खारिज करते हुए कहा कि यह पुरानी मॉक ड्रिल बॉगी है, जिसका अब इस्तेमाल नहीं होता। उन्होंने कहा कि फिल्म के प्रोड्यूसर से कहा गया है कि शूटिंग समाप्त होने के बाद इस बॉगी को उसी स्थिति में लौटाना होगा।
उधर फिल्म के क्रू मेंबर का कहना है कि 2002 में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की आग वाली घटना का दृश्य फिल्माने के लिए किसी बॉगी में आग नहीं लगाई गई है। दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि गोधरा की घटना फिल्माने के लिए प्रतापनगर स्टेशन पर बेकार पड़े पुराने रेल कोच में आग लगाई गई है। उसके बाद क्रू सदस्यों ने अपनी सफाई दी है। पश्चिम रेलवे, जिसके अंतर्गत वडोदरा डिवीजन आता है, और फिल्म बनाने वाली कंपनी ने इन रिपोर्ट को खारिज किया है।
कंपनी का कहना है कि यह एक क्षतिग्रस्त कोच है, जिसका इस्तेमाल रेलवे मॉक ड्रिल के लिए करता है। गौरतलब है कि 27 फरवरी, 2002 को भीड़ ने साबरमती एक्सप्रेस की बॉगी संख्या एस-6 में आग लगा दी थी। उस घटना में 59 ‘कारसेवकों’ की मौत हो गई थी, जिसके बाद गुजरात जबर्दस्त सांप्रदायिक दंगे की चपेट में आ गया था और उसमें करीब 1000 लोगों की जान चली गई थी। तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। प्रोड्यूसर ने कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री केवल सोशल मीडिया पर रिलीज होगी।