विजय सिन्हा,
सारठ: सारठ-चितरा भाया बीरमाटी पीडब्ल्यूडी सड़क निर्माण में अंचल के 15 मौजों के रेयतों की जमाबंदी जमीन का अधिग्रहण किया गया है। लेकिन सड़क निर्माण के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी रैयतों को उनके जमीन के मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं होने से लोगों में विभाग और जनप्रतिनिधि के प्रति काफी नाराजगी देखी जा रही है। पिछले 30 अक्टूबर को भी मुआवजे की मांग को लेकर रैयतों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था।
जिसमें भू-अर्जन पदाधिकारी अनिल यादव ने कहा था की सेक्सन ऐलेवन की कार्रवाई चल रही है। जनवरी तक में हर हाल में रैयतों को भुगतान कर दिया जायेगा। लेकिन जनवरी के साथ फरवरी माह भी समाप्त होने को है लेकिन अधिकारी वहीं बात दुहरा रहे है कि सेक्सन ऐलेवन का काम हो रहा है। जिससे रैयत अपने आप को ठगा महसुस कर रहे है। ऐसे में शुक्रवार को पुनः विभिन्न गांवों के रैयतों ने सड़क पर उतरकर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया व सरकार व विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। रैयतों का कहना था कि जनप्रतिनिधि व अधिकारियों के बात पर लोगों ने विश्वास किया और सड़क निर्माण कार्य में सहयोग भी किया। लेकिन सड़क निर्माण होने के बाद जनप्रतिनिधि व विभाग रैयतों को भूल गये है। दो साल बाद भी रैयतों को उनके जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया है। वहीं अधिकारी झूठा आश्वासन देकर लोगों को बरगला रहे है। किसान जब देवघर भूअर्जन कार्यालय जातें है तो सिर्फ आश्वासन देकर भेज दिया जाता है। जिससे रैयत काफी परेशान है।
चुनाव में वोट का करेंगे बहिष्कार: रैयतों ने कहा कि सरकार किसान हित की बात करती है। लेकिन किसानों के जमाबंदी जमीन के मुआवजे की भुगतान नहीं कर रही है। अगर चुनाव के पहले मुआवजे का भुगतान नहीं हुआ तो सभी रैयत चुनाव का बहिष्कार करेंगे व किसी नेता को गांव भी घुसने नहीं देंगे।
सड़क निर्माण में 16 मौजे की जमीन ली गई: सड़क निर्माण सह चैड़ीकरन में मिसराडीह, सारठ, रानीबांध, खरना, जमुनियाटांड, चकनवाडीह, मंझली मेटरिया, बगदाहा, कपसियों, राखजोर, पड़रिया, बिषनपुर, बेहंगा, बीरमाटी, चिकनियां, ठाढ़ी आदि मौजे के रैयतों की जमाबंदी जमीन का अधिग्रहण की गई है।
क्या कहते है ग्रामीण: ईश्वर राय, अनिल भोक्ता, बालदेव राणा, कामदेव राणा, विजय भोक्ता, मनोरंजन मंडल, नकुल राणा, बंधु मरांडी, श्रीजल मुर्मू, पेतकी देव्या, परिमल राणा, प्रमोद भोक्ता, बबुआ राय, संतोष भोक्ता, मनोज राणा, सुमन भोक्ता, पप्पु राणा, सुबल मंडल, पांडव मंडल समेत अन्य का कहना है कि सड़क निर्माण में कई किसानों की अव्वल धानी जमीन का भी अधिग्रहण किया गया है। लेकिन अभी तक रैयतों को मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है। सरकार द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत पहले रैयतों को उनके जमीन का भुगतान करने का प्रावधान है और उसके बाद निर्माण कार्य करने की बात कही जाती है। लेकिन धरातल पर नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती है। लोगों का कहना था कृषि मंत्री रंधीर सिंह ने भी ग्रामीणों को कहा था कि जल्द ही भुगतान हो जायेगा। ग्रामीणों ने कहा कि अब विभाग और प्रशासन से भरोसा उठता जा रहा है।
क्या कहते हैं भूअर्जन पदाधिकारी: भूअर्जन पदाधिकारी अनिल यादव ने बताया कि अभी सेक्सन ऐलेवन का ही काम चल रहा है। उसके बाद सेक्सन 19 में काम होगी। वहीं सेक्सन 21 में सुनवाई होगी। उसके बाद विभाग से राशि की मांग की जायेगी। राशि मिलते ही रैयतों को मुआवजा दिया जायेगा। कब तक सारी कार्रवाई पुरी होगी के सवाल पर यादव ने बताया कि कई योजनायें विभाग के पास है। जबकि महज चार व्यक्ति ही विभाग में कार्यरत है। जिससे देर होती है।