केंद्र के मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करने वाले आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. चंद्रबाबू नायडू की तेलगु देशन पार्टी के सासंद अंवती श्रीनिवास ने विरोधी जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. अवंती श्रीनिवास ने जगन मोहन रेड्डी की मौजूदगी में वाईएसआर कांग्रेस की सदस्यता ली.
2 महीने बाद होने वाले लोकसभा और राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले अंवती का टीडीपी छोड़ना चंद्रबाबू नायडू के लिए बड़ा झटका है. अंवती के वाईएसआर कांग्रेस में शामिल होने की जानकारी पार्टी ने ऑफिशियल हैंडल से ट्वीट करते हुए दी है. साथ ही पार्टी अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस का गमछा पहनाकर अंवती का स्वागत किया.द्रबाबू नायडू ने पिछले साल आंध्र प्रदेश को स्पेशल राज्य का दर्जा नहीं देने पर बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. राष्ट्रीय स्तर पर भले ही चंद्रबाबू नायडू और कांग्रेस के साथ दिखाई दे रहे हों, पर राहुल गांधी एलान कर चुके हैं कि आंध्र प्रदेश में उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी.
बात अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की करें तो उस वक्त तेलंगाना का गठन नहीं हुआ था. चुनाव से ठीक पहले चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन किया था और वह राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 16 पर जीती थी, जबकि सहयोगी बीजेपी के हिस्से में तीन सीट आई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में टीआरएस को 11, वाईएसआर कांग्रेस को 9 और कांग्रेस को 2 सीटों पर जीत मिली थी. औवेसी को हैदराबाद की सीट पर जीत मिली थी.
लेकिन लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद 2 जून को तेलंगाना राज्य का गठन हो गया और उसके हिस्से में 17 लोकसभा सीटें आई, जबकि आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें बचीं. चुनाव को लेकर सामने आए ज्यादातर सर्वे में चंद्रबाबू नायडू के हाथ से सत्ता जाने का अनुमान भी लगाया जा रहा है.