प्रतिदिन दुर्घटना का पर्याय बन चुका है यह कुख्यात स्थल, किसी को भी लगातार हो रहे जान माल के नुकसान की परवाह नहीं
राजेश सहाय
चौपारण (हजारीबाग): चौपारण थाना क्षेत्र के दनुआ घाटी मौत की घाटी बन गई है। यह घाटी मौत की घाटी के नाम से कुख्यात है।इस घाटी में रविवार को फिर एक साथ 6 गाड़ियों की भिड़ंत हो गई।हादसे में एक 8 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए है। सभी घायलों का प्राथमिक उपचार चौपारण के सीएचसी अस्पताल में किया जा रहा है।जानकारी के अनुसार चतरा जिले के तूलबुल से सभी एक ऑटो में सवार होकर सत्संग में शामिल होने के लिए बिहार के शोभ जा रहे थे।दनुआ घाटी में ऑटो को पीछे से एक अनियंत्रित कंटेनर ने टक्कर मार दी।. टक्कर के बाद ऑटो 30 फीट गहरी खाई में जा गिरी। इस घटना से ऑटो में सवार एक 8 वर्षीय तूलबुल निवासी बच्ची की मौत हो गई। घटना के बाद एक-एक करके कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं। इस पूरी घटना में 11 महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं।जिसमें 6 की स्थिति को गंभीर बताते हुए चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिये हजारीबाग रेफर कर दिया है। वहीं घटना के बाद से घाटी की सड़क को वन वे कर यातायात को सुचारू किया गया।दरअसल चौपारण के दनुआ घाटी में मौत का तांडव कब मच जाए, इसका कोई अंदाजा नहीं है ।करीब 11 किलो मीटर तक सड़क बेहद खस्ता हालत में है।जिसकी वजह से आए दिन हादसे होते रहते है।अब तक इस एक्सीडेंटल जोन से कई लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई लोग घायल हुए है। इस एक्सीडेंटल जोन में चालक अपने वाहन से नियंत्रण कब खो दे कहना मुश्किल है। सड़क की हालत ऐसी है कि एक बार संतुलन खो जाने पर संभालना मुश्किल हो जाता है।यह सिलसिला वर्षों से जारी है ,इसके बावजूद एनएचएआई ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। लोग भगवान भरोसे इस रास्ते पर चलने को मजबूर हैं।