लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को वादों से भरा चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. इसमें पांच बड़े वायदे किए गए हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि इसमें कोई वादा झूठ पर आधारित नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की सरकार देश के से ग़रीबों के खाते में हर साल 72,000 और पांच साल में 3,60,000 रुपये डाले जाएंगे. उन्होंने नारा दिया – ‘ग़रीबी पर वार 72 हज़ार’ और कहा कि ये हमारा पहला कदम न्याय का कदम है. घोषणा पत्र में 2020 तक सभी खाली सरकारी पदों को भरने का वादा किया गया.
राहुल गांधी ने कहा कि देश में 22 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं, और कांग्रेस उन्हें जल्द से जल्द भरने की कोशिश करेगी.
तीसरा वादा ग्रामीण युवाओं को रोज़गार देने का किया गया है. राहुल गांधी ने कहा कि उनकी सरकार 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायतों में रोज़गार देगी.
इसके साथ ही तीन साल के लिए युवाओं को बिज़नेस खोलने के लिए कोई मंज़ूरी लेने की ज़रूरत नहीं होगी और बैंक के दरवाज़े उनके लिए खोल दिए जाएंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष ने रेलवे की तरह ही किसानों का एक अलग बजट पेश करने का वादा किया.
किसानों के कर्ज़ की समस्या से निपटने के लिए राहुल गांधी ने कहा कि डिफॉल्ट होने पर किसानों पर आपराधिक मामले दायर नहीं किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि अगर किसान कर्ज़ न दे पाए तो वो आपराधिक मामला नहीं बल्कि उसे सिविल अफेंस माना जाएगा.
घोषणा पत्र में वायदा किया गया है कि कांग्रेस की सरकार जीडीपी का 6 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा बजट में आवंटित करेगी.
स्वास्थ्य को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि हम प्राइवेट इंश्योरेंस आधारित स्वास्थ्य स्कीमों पर भरोसा नहीं करते.
उन्होंने मोदी सरकार की स्वास्थ्य स्कीमों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने लोगों से ही पैसा लेकर कुछ चंद लोगों को देने का काम किया है. हम सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने का काम करेंगे.
सुरक्षा के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि ‘पिछले सालों में बीजेपी की सरकार ने देश को बांटने का काम किया है. कश्मीर का उदारहण सामने है जहां हताहतों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है. कांग्रेस पार्टी देश को जोड़ने का काम करेगी. राष्ट्रीय और घरेलू सुरक्षा पर हमारा जोर रहेगा.’
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र का नाम ‘जन घोषणा पत्र’ रखा है, जिस पर लिखा है ‘हम निभाएंगे.’
इस मौके पर सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम समेत कांग्रेस के अन्य नेता मंच पर मौजूद थे.
घोषणापत्र जारी होने के पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले पांच सालों में नौकरियों में कमी आई और खेती किसानी का संकट बढ़ा.
मनमोहन सिंह ने कहा,”कई लोगों से चर्चा के बाद ये घोषणा पत्र तैयार हुआ है, जो हर किसी की उम्मीद को पूरा करेगा. देश ने यूपीए के समय बहुत तरक्की की थी और ये ऐतिहासिक घोषणा पत्र देश की अर्थव्यवस्था को और ले जाने का काम करेगा.”
बीबीसी से साभार