चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद वे चुनावी फायदे के लिए सैन्य बलों की तस्वीरों और नाम का इस्तेमाल न करें। पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल रामदास ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि राजनीतिक दलों को पुलवामा हमला, एयर स्ट्राइक ओर विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी को चुनाव प्रचार का माध्यम बनाने से रोका जाना चाहिए।
आयोग ने शनिवार को 2013 का संदर्भ लेकर स्पष्ट किया कि आचार संहिता लगने के बाद ही ऐसे मामले में सख्त कार्रवाई हो सकती है। आयोग ने 4 दिसंबर 2013 का पत्र भी जारी किया, जिसमें कहा गया है कि राजनीति के लिए सेना के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
चुनाव आयोग ने कहा कि सुरक्षा बल समभाव और बिना किसी रागद्वेष के देश सेवा में कार्यरत है, लिहाजा यह बहुत जरूरी है कि राजनीतिक दल बहुत सावधानी से सैन्य बलों के नाम व तस्वीरों के इस्तेमाल में एहतियात बरतें। आयोग का यह भी मानना था कि सेना प्रमुख और सेना से जुड़ी किसी प्रस्तुति का प्रयोग राजनीतिक विज्ञापन के लिए नहीं करना ही बेहतर है।
आयोग ने सभी दलों से अपने उम्मीदवारों और पार्टी के आला नेताओं को नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है। आचार संहिता लागू होने के बाद इसका पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आयोग की बैठक खत्म
लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर शनिवार को आयोग की बैठक हुई। इसमें जम्मू कश्मीर में चुनाव की तैयारियों पर विशेष तौर पर चचाई हुई। माना जा रहा है कि आयोग 72 घंटों के भीतर आम चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है।