बीजेपी-शिवसेना गठबंधन: ‘चुम्मा लिया तो भी गठबंधन मुमकिन नही’ कहने वाली शिवसेना का यू-टर्न

शिवसेना बीजेपी के नेताओं ने गले मिलकर गठबंधन की घोषणा की है. राज्य की 48 लोकसभा सीटों का बंटवारा दोनों पार्टियों के बीच हो गया है. बीजेपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो शिवसेना 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

लेकिन पिछले साढ़े चार साल में उद्धव ठाकरे और शिवसेना का मुखपत्र ‘सामना’ बीजेपी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को कई मुद्दों पर आड़े हाथों लेता रहा है.

शिवसेना और बीजेपी के ऐसे ही बयान जिन्हें देखकर ये लगता रहा कि दोनों पार्टियों के रिश्तों में खटास पैदा हो चुकी है. बहरहाल इस बयानों से यू टर्न लेते हुए शिवसेना ने बीजेपी के साथ अपने पुराने गठबंधन का रिश्ता कायम रखा है.

1. ‘मोदी अफ़ज़ल खान’

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना साथ-साथ चुनावी मैदान में उतरे. लेकिन बीजेपी ने अपनी बड़ी जीत के बाद विधानसभा चुनाव में ज़्यादा सीटे मांगी. शिवसेना ने ज़्यादा सीटें देने से इंकार कर दिया और विधानसभा में गठबंधन टूट गया.

इसके बाद चुनाव प्रचार के दौरान तुलजापुर में उद्धव ठाकरे ने कहा, “मोदी का पूरा कैबिनेट महाराष्ट्र में वोट मांगते हुए घूम रहे हैं. वह अफज़ल खान की फ़ौज की तरह महाराष्ट्र जितना चाहते है. लेकिन हम उनके मनसुबे कामयाब नहीं होने देंगे.”

17वीं शताब्दी में अफ़जल खान ‘आदिल शाही वंश’ का लड़ाका था जिसने मराठा योद्धा शिवाजी से युद्ध किया था.

2. ‘अफज़ल खान को औंधे मुंह पटक देंगे’

साढ़े चार साल बाद मुखपत्र ‘सामना’ में फिर से अफ़जल खान का ज़िक्र किया गया. 23 जनवरी 2019 को ‘सामना’ के संपाकदीय में बीजेपी की आलोचना करते हुए लिखा था, ”शिवसेना खत्म करने का बीड़ा उठाकर महाराष्ट्र में कई सारे अफज़ल खान आये और औंधे मुँह गिर गये. शिवसेना को राजनीति के मैदान में पटकने का ऐलान करने वाले समय के साथ खत्म हो गए.”

3. ‘बीजेपी कुंभकर्ण है’

उद्धव ठाकरे ने दशहरा रैली में अयोध्या जाने की घोषणा की थी. उन्होंने अयोध्या का दौरा किया. इस दौरे के दौरान उन्होंने एक नारा दिया, ‘हर हिंदू की यही पुकार, पहले मंदिर फिर सरकार.’ उन्होंने कहा, ”मैं कुंभकर्ण को जगाने आया हूं ऐसा उद्धव ठाकरे ने इस दौरे में कहा था. हमारा राम अभी भी वनवास में है.” सामना में संपादकीय लिखा गया जिसकी हेडलाइन थी-‘चुनाव में राम याद आते है, फिर अयोध्या में राम मंदीर क्यों नही बनाते’

4. ‘चौकीदार चोर है’

‘ गठबंधन गया गढ्ढे में, आजकल चौकीदार भी चोरी करने लगे है.’ये बयान शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पंढरपुर की रैली में दिया था. इस बयान के जवाब में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था की सही समय पर शिवसेना को जवाब देंगे.

5. ‘मोदी लहर की वाट लगा देते है’

लातूर में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि सहयोगी दल साथ में आये तो ठीक, नहीं तो उन्हे पटक देंगे.

उद्धव ठाकरे इस बयान पर जवाब देते हुए कहा था, “शिवसेना को पटकने वाला अभी पैदा नहीं हुआ. हमें कोई कमजोर ना समझे. कई लहरें आईं और चली गयी. हम लहर की वाट लगा देते हैं.,”

6. ‘मुख्यमंत्री होश में हैं क्या?’

पालघर लोकसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी. शिवसेना की रैली में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री की वही ऑडियो क्लिप सामने रखी.

इसी चुनाव में बीजेपी ने पैसे बांटे शिवसेना ने ये आरोप लगाया. इस पूरे विवाद के लेकर सामना में एक लेख छापा गया जिसकी हेडलाइन थी-‘मुख्यमंत्री होश में है क्या?’

7. ‘ चुम्मा लिया तो भी…’

बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को लेकर कई तरह की खबरें आ रही थी और ये गठबंधन आगे बरकरार होगा इस पर असमंजस बना हुआ था. इस बीच ‘सामना’ के संपादक संजय राऊत ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘भाजपा ने चुम्मा लिया तो भी गठबंधन मुमकिन नहीं.’

8. ‘मुख्यमंत्री जुमलेबाज है’

जनवरी महीने में मराठवाड़ा दौरे के दौरान उद्धव ठाकरे ने गठबंधन पर कहा था कि गठबंधन गया गड्ढे में. देवेंद्र फडणवीस पर उन्होंन कहा, ”अपना कौन और जुमलेबाज कौन है, ये पहचानना अभी सीखना चाहिए.”

9. रफ़ाल और ‘विमान गिर गया’

रफ़ाल सौदे पर लगे आरोपों को लेकर शिवसेना ने भी केंद्र सरकार की आलोचना की थी. ऐसा उद्धव ठाकरे ने कहा था, “हथियार खरीदारी में सरकार घोटाला करती है, सरकार पाप करती है.”हाल ही में मध्यप्रदेश और राजस्थान सहित चार राज्यों मे भारतीय जनता पार्टी की हार के बाद उन्होंने लिखा था, ‘चार राज भाजपा मुक्त, बहुत उड़ने वाले गिर गए.’

(बीबीसी से साभार)

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