पटना : सुशासन, भ्रष्टाचार एवं अपराध पर जीरो टॉलरेंस, सामाजिक सुधार आंदोलन, मुख्यमंत्री के 7 निश्चय, प्रधानमंत्री का बिहार पैकेज तथा सूचना प्रौद्योगिकी का सुशासन में प्रयोग कर बिहार ने देश में एक अलग पहचान बनायी है. आज देश के कई राज्य बिहार के अनेक कार्यक्रमों का अनुसरण कर रहे हैं.
वैश्विक अर्थव्यवस्था, भारत की अर्थव्यवस्था तथा बिहार की अर्थव्यवस्था के रुझान एक दूसरे को प्रभावित करते हैं. अमेरिका और चीन के व्यापार युद्ध, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय संघ से अलग होने के निर्णय, यूरोपीय देशों की कमजोर होती अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुजर रही है. वर्ष 2018 के उत्तरार्ध में वैश्विक अर्थ-व्यवस्था की विकास दर 3.7 प्रतिशत रही और विशेषज्ञों का अनुमान है कि वर्ष 2019 में विकास दर 3.5 प्रतिशत रह जायेगी.
इस निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2017-18 में 7.3 प्रतिशत तथा वर्ष 2018-19 में 7.5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है. आज भारत विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है. वर्ष 2013-14 में भारत जहां 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, वहीं आज वह विश्व की 6ठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. यदि वर्तमान विकास दर जारी रही तो वर्ष 2025 तक भारत, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा.